नई दिल्ली. माल एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) अधिकारियों ने एक व्यक्ति को फर्जी कंपनी बनाने और 50.03 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। वित्त मंत्रालय ने रविवार को इसकी जानकारी दी। एक बयान में कहा गया कि केंद्रीय माल एवं सेवा कर (Central Goods and Services Tax) आयुक्तालय, दिल्ली पूर्व के अधिकारियों ने फर्जी कंपनियों के एक नेटवर्क का खुलासा किया है, जिन्हें विशाल नाम के एक व्यक्ति के द्वारा संचालित किया जा रहा था। विशाल पेशे से एक वकील है और कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court), दिल्ली में अभ्यास कर रहा है।
विशाल ने अपने नाम से एक फर्जी कंपनी बनाकर इस जीएसटी धोखाधड़ी की शुरुआत की। उक्त कंपनी को विशाल ने अपने निवास के पते पर पंजीकृत करवाया। इसके बाद, उसने फर्जी फर्म बनाने के लिये अलग-अलग व्यक्तियों के विभिन्न केवाईसी की व्यवस्था की, जिनमें कोई भी व्यावसायिक गतिविधि नहीं थी। इन्हें नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिये बनाया गया था।
बयान में कहा गया, ‘‘उसके आवास की तलाशी के दौरान कई केवाईसी और चेक पाये गये। उसने अपने ग्राहकों को चालान राशि के दो प्रतिशत कमीशन के बदले में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रदान किया। कुल नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट अभी तक की गणना के आधार पर 50.03 करोड़ रुपये का है, जो जांच के साथ बढ़ सकता है। आरोपी को 13 मार्च तक के लिये 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।(एजेंसी)