Housing Market

  • 2022 में 10 प्रतिशत तक कीमतों में आई तेजी

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मुंबई: आवासीय बाजार यानी हाउसिंग मार्केट (Housing Market) के लिए लगातार दूसरा साल काफी अच्छा रहा। भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में तेजी के चलते जहां घरों की जोरदार बिक्री हुई, वहीं घरों की कीमतों (Property Prices) में भी औसतन 8 से 10% की तेजी आई। ‍वर्ष 2022 की पहली तीन तिमाहियों (जनवरी-सितंबर) के दौरान मुंबई, पुणे सहित देश के 7 बड़े शहरों में घरों की बिक्री 2.73 लाख रही, जो 2014 के बाद सर्वाधिक है। रियल्टी सलाहकार फर्म एनारॉक (Anarock) का अनुमान है कि कैलेंडर ईयर 2022 में कुल बिक्री का आंकड़ा 3.60 लाख की नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगा, जबकि 2014 में कुल 3.43 लाख घरों की रिकॉर्ड बिक्री हुई थी। 

मुंबई की बात करें तो आर्थिक राजधानी में पहले 10 महीनों (जनवरी-अक्टूबर) के दौरान रिकॉर्ड 1.03 लाख से अधिक प्रॉपर्टी की बिक्री हुई है। यह विगत वर्ष 2021 में 94,650 प्रॉपर्टी की बिक्री की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। रियल्टी सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक (Knight Frank) के आंकड़ों के मुताबिक, कुल बिक्री में सबसे ज्यादा हिस्सा अफोर्डबल और मिड सेगमेंट घरों का है। 80 प्रतिशत मांग 500 से 1,000 वर्गफीट यानी करीब 1 करोड़ से 2.50 करोड़ रुपए मूल्य तक के घरों की रही।

2023 में मांग कमजोर पड़ने की आशंका

इस साल होम लोन दरों (Home Loan Rates) में बढ़ोतरी और निर्माण लागत बढ़ने के बावजूद मांग अच्छी बनी हुई है, जिससे कीमतों में भी तेजी का रूख कायम है, लेकिन 2023 में मांग कमजोर पड़ने की आशंका पैदा हो गयी है। इसकी सबसे बड़ी वजह है अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US Economy) में मंदी का बढ़ता खतरा। यदि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आती है तो उसका असर भारत सहित पूरी दुनिया पर पड़ेगा। विदेशों में रहने वाले भारतीय यानी एनआरआई (NRI), जिनका मुंबई सहित देश के प्रमुख शहरों के हाउसिंग मार्केट में बड़ा निवेश आता है, वह वैश्विक मंदी के कारण कम हो सकता है। इसके अलावा, आईटी सेक्टर (IT Sector) में काम करने वाले लोग भी प्रॉपर्टी के बड़े ग्राहक हैं और आईटी सेक्टर पर मंदी का असर पड़ने लगा है। इन वजह से 2023 की पहली छमाही में आवास मांग प्रभावित होने की आशंका है। यदि मांग कमजोर होगी तो निश्चित ही प्रॉपर्टी कीमतों पर दबाव बढ़ेगा। हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में मांग के साथ निवेश बढ़ रहा है। जिससे हाउसिंग मांग को समर्थन मिलता रहेगा। ऐसे में 2023 में प्रॉपर्टी कीमतें बढ़ने की कोई संभावना नहीं दिख रही है।

नए घरों की बढ़ती सप्लाई

बिक्री के साथ नए घरों की आपूर्ति भी बढ़ रही है। 2022 के पहले 9 महीनों के दौरान 7 बड़े शहरों में 2.65 लाख नए घर लॉन्च किए गए। जबकि इस दौरान कुल बिक्री 2.73 लाख घरों की हुई। 2022 में कुल सप्लाई 3.40 लाख पहुंचने का अनुमान है, जो 2021 में 2।37 लाख घरों की तुलना में 44 प्रतिशत अधिक है। मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में भी नए निर्माण कार्य जोरों पर है। रियल्टी कंपनियां तेजी से नए प्रोजेक्ट लॉन्च कर रही हैं। सबसे ज्यादा नए घर ठाणे, डोंबिवली, कल्याण और मुंबई के उपनगरों में बन रहे हैं। इसके अलावा तैयार स्टॉक की बात करें तो सिंतबर 2022 अंत तक मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में करीब 1.89 लाख घर खाली पड़े थे। पुणे में बिना बिके घरों का आंकड़ा 90 हजार था। पुणे में 2022 के पहले 9 माह में 9955 नए घर लॉन्च किए गए। इस तरह हाउसिंग सप्लाई बढ़ने से भी घरों की कीमतों पर दबाव पड़ेगा।

बढ़ती निर्माण लागत की चिंता हुई कम   

चाइनीज वायरस कोविड की महामारी के बाद वैश्विक स्तर पर जो रिकॉर्ड महंगाई आई थी, वह अब कम होने से भवन निर्माण सामग्री के दाम भी घट गए हैं। निवेश प्रबंधन कंपनी कोलियर्स (Colliers India) की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, विगत दो वर्षों में बहुमंजिली इमारतों की ग्रेड ए कंस्ट्रक्शन लागत (Construction Cost) 28% बढ़कर औसतन 2,300 रुपए वर्गफीट हो गयी थी, लेकिन मार्च 2022 के बाद से स्टील, सीमेंट सहित अन्य निर्माण सामग्री की कीमतों में गिरावट आई है, परंतु मजदूरी खर्च बढ़ा है। जिससे कंस्ट्रक्शन लागत लगभग स्थिर है।

ब्रांडेड प्लेयर्स की बढ़ रही मार्केट हिस्सेदारी: डॉ. निरंजन हीरानंदानी

हीरानंदानी ग्रुप (Hiranandani Group) के प्रबंध निदेशक डॉ. निरंजन हीरानंदानी का कहना है कि विगत वर्षों में महामारी और अन्य घरेलू व वैश्विक कारणों से लगे आर्थिक झटकों को झेलते हुए रियल इस्टेट मार्केट (Real Estate Market) अब मजबूत बन कर उभरा है। अब मार्केट कंसोलिडेट हो रहा है। मार्केट के ब्रांडेड प्लेयर (Branded Real Estate Players) जॉइंट वेंचर, प्राइवेट इक्विटी, आईपीओ, रीट और विदेशी निवेश के जरिए अपनी बैंलेंस शीट मजबूत करते हुए अपनी मार्केट हिस्सेदारी (Market Share) बढ़ाने में सफल हो रहे हैं। 2023 की बात करें तो एमएमआर और अन्य बड़े शहरों में उन्नत होते इंफ्रास्ट्रक्चर से कनेक्टिविटी बढ़ रही है। साथ ही नए कमर्शियल हब बन रहे हैं। जिससे मांग तेज होगी। रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में इस साल 225 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी किए जाने के बावजूद होम लोन दरें अभी भी निचले स्तरों पर हैं। लोगों की आय बढ़ने से घर खरीदना आसान हुआ है। इससे अफोर्डबल और मिड हाउसिंग सेगमेंट में पहली बार खरीदने वाले आकर्षित हो रहे हैं। अब अच्छी जीवन शैली के लिए लोग इको-फ्रेंडली घर (Eco Friendly Home) खरीदना पसंद कर रहे हैं। इस तरह वास्तविक मांग बढ़ने से प्रॉपर्टी कीमतों में बढ़ोतरी का रूख बना रहेगा।

नई मेट्रो लाइन बढ़ाएगी मांग: मंजू याज्ञनिक

नाहर ग्रुप (Nahar Group) की उपाध्यक्ष मंजू याज्ञनिक का कहना है कि 2023 का साल भी निश्चित ही रियल इस्टेट सेक्टर के लिए शानदार साबित होने की उम्मीद है। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ तेज हो रही है। जिससे हाउसिंग मार्केट में मांग बढ़ रही है। एमएमआर में अंधेरी से दहिसर और बीकेसी से सीप्ज सहित नई मेट्रो लाइनों (Metro Lines) के निर्माण से उपनगरों में भी हाउसिंग और कमर्शियल प्रॉपर्टी (Commercial Property) की मांग को बढ़ावा मिलेगा। सरकार के प्रयासों से अब मुंबई के हाउसिंग मार्केट में रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Redevelopment Projects) की संख्या बढ़ने लगी है। 2023 में उम्मीद है कि फिर से ऑफिस कल्चर जोर पकड़ेगा। आईटी और ई-कॉमर्स सहित विभिन्न उद्योग क्षेत्रों की बड़ी कंपनियों द्वारा बड़े कार्यस्थलों की मांग से कमर्शियल सेक्टर बढ़ता दिख रहा है। प्रॉपर्टी कीमतों में गिरावट की तो कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि विगत वर्षों में निर्माण लागत 25 से 30 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि प्रॉपर्टी की कीमतें सिर्फ 10 प्रतिशत तक ही बढ़ी है।