Housing Sector Amit Jain

  • प्रॉपर्टी कीमतों में है वृद्धि का रूख

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मुंबई: अर्थव्यवस्था (Economy) में आई तेजी और सस्ते होम लोन (Home Loans) से हाउसिंग मार्केट (Housing Market) में भी विगत दो वर्षों से तेजी का रूख है। निर्माण सामग्री महंगी होने से लागत वृद्धि और प्रॉपर्टी कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद घरों की मांग में तेजी कायम है, लेकिन अब होम लोन दरों में बढ़ोतरी होने से मांग पर प्रभावित होने की आशंका है।

रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) के आउटलुक के संबंध में आर्केड ग्रुप (Arkade Group) के अध्यक्ष अमित जैन (Amit Jain) की वाणिज्य संपादक विष्णु भारद्वाज से चर्चा हुई। आर्केड ग्रुप ने पिछले चार दशकों के दौरान मुंबई महानगर में 40 लाख वर्ग फुट से अधिक निर्माण कार्य के साथ 25 से अधिक आवास परियोजनाएं सफलतापूर्वक विकसित की हैं, जिनमें 4,000 से अधिक परिवारों का घर का सपना साकार हुआ है। पेश हैं चर्चा के मुख्य अंश:

सस्ते होम लोन से घरों की मांग बढ़ रही थी, लेकिन अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी से मांग पर क्या असर पड़ेगा?

  • ऐसा है कि इस साल बढ़ोतरी के बावजूद, भारत में ब्याज दरें (Interest Rates) 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में बहुत कम है। 2008 में ब्याज दरें 12% और उससे अधिक थी। हालांकि मौजूदा ब्याज बढ़ोतरी का कुछ प्रभाव आने वाले महीनों में आवासीय बिक्री की संख्या में दिखाई दे सकता है। इसके अलावा, ब्याज दर वृद्धि से व्यवसाय और निर्माण करने की लागत भी बढ़ेगी। साथ ही व्यावसायिक रुझान भी कुछ प्रभावित होगा, क्योंकि अर्थव्यवस्था अभी भी कोविड महामारी से उबर रही है, लेकिन महामारी के बाद स्वामित्व वाले घर के प्रति ग्राहकों की अपेक्षाओं और नजरिये में एक बड़ा बदलाव आया है, जिससे ब्याज दरों का मामूली उतार-चढ़ाव खास मायने नहीं रखता है। अफोर्डबल और मिड हाउसिंग सेगमेंट के घरों में तो मांग लगातार बढ़ रही है।

रियल एस्टेट सेक्टर के लिए क्या दृष्‍टिकोण है और किस प्रकार के घरों की मांग सर्वाधिक है?

  • हमारा घ्यान मुख्य रूप से मुंबई के रियल इस्टेट सेक्टर पर है, जो देश के सबसे चुनौतीपूर्ण बाजारों में से एक है। हम खाली जमीन पर विकास के साथ पुरानी इमारतों के पुनर्विकास (Redevelopment) में एक बड़ा अवसर देखते हैं, विशेष रूप से इस तथ्य को देखते हुए कि इस शहर और उपनगरों में भूखंड सीमित मात्रा में ही उपलब्ध हैं। मुंबई में दो तरह के पुनर्विकास क्षेत्र हैं। एक झुग्गी पुनर्विकास (Slum Redevelopment) है, जिसमें मौजूदा झुग्गी-झोपड़ियों रहने वाले किरायेदारों के लिए पुनर्वास घर बनाकर दिए जाते हैं तथा अन्य घर खरीदारों के लिए टावरों में बिक्री के लिए घरों का निर्माण किया जाता है। इसके अलावा पुनर्विकास के लिए एक अन्य क्षेत्र मौजूद है, जिसमें म्हाडा (MHADA) की बस्तियों का समावेश है। हमारा घ्यान मुख्य रूप से मुंबई की सहकारी समितियों के पुनर्विकास पर केंद्रित है। यह पर्यावरण के अनुकूल तथा भविष्य के लिए स्थायी घर बनाने का बेहतर अवसर है।

स्टील-सीमेंट सहित सभी निर्माण सामग्रियां लगातार महंगी हुई हैं, हालांकि अब स्टील कीमतों में तो कुछ गिरावट देखी जा रही है। इस बारे में आपकी क्या राय है?

  • सरकार के सुधारात्मक कदम उठाने के कारण पिछले कुछ महीनों में स्टील की कीमतों (Steel Pricess) में 15 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गयी है, लेकिन अन्य निर्माण सामग्रियों (Construction Materials) में कोई खास कमी नहीं हुई है। इसलिए सरकार को सीमेंट (Cement) सहित अन्य वस्तुओं की कीमतें कम करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए, ताकि पहली बार घर खरीदने वालों को राहत मिलने के साथ बेहतर आवास विकल्प तलाशने वालों को प्रोत्साहन मिले।  

पिछले एक साल में प्रॉपर्टी की कीमतों में कितनी वृद्धि हुई है और आगे क्या रुझान लगता है?

  • मुंबई के प्रॉपर्टी मार्केट में दो वर्षों के दौरान कीमतों में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि आई है, जो मुख्य रूप से निर्माण सामग्री की लागत में वृद्धि के कारण हुई है और इसे बाजार झेल गया है। हम समझते हैं कि मूल्य वृद्धि वास्तव में मुद्रास्फीति के दबाव को समाहित कर रही है और मांग के अनुसार प्रॉपर्टी कीमतों (Property Prices) में वृद्धि का रूख बना रहेगा।

आर्केड ग्रुप की विस्तार योजना के बारे में बताएं?

  • आर्केड ग्रुप ने हाल ही में 20 लाख वर्ग फुट निर्माण क्षेत्र की 8 नई परियोजनाओं का अधिग्रहण किया है। इनमें से 4 भूखंड एकमुश्त खरीदे गए हैं और शेष 4 पुनर्विकास परियोजनाएं हैं। ये भूखंड मुंबई के पश्चिमी और पूर्वी उपनगरों में स्थित हैं, जहां ‘रेरा’ कार्पेट के अनुसार बिक्री के लिए लगभग 8 लाख वर्गफुट का क्षेत्र उपलब्ध होगा। इन नए भूखंडों को प्राप्त करने के लिए 250 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है और अब अनुमोदन तथा निर्माण गतिविधियों के लिए निवेश किया जा रहा है। इन परियोजनाओं से अगले 4 वर्षों में लगभग 2,100 करोड़ रुपए का कारोबार संभावित है। हाल ही में हमनें बजाज ग्रुप की कंपनी हरक्यूलिस होइस्ट लिमिटेड से उसका मुलुंड स्थित भूखंड 90 करोड़ रुपए में खरीदा है।