मुंबई : लौंग के तीखे सेव हों या बिना मिर्च वाले ‘गाठिये’, अपने खास जायके के लिए देश-दुनिया में मशहूर इंदौर के नमकीन उत्पाद महीने भर में औसतन 10 फीसद महंगे हो गए हैं। शहर के नमकीन-मिष्ठान क्रेता एवं विक्रेता कल्याण संघ के सचिव अनुराग बोथरा ने बुधवार को मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने नमकीन उत्पादों की मूल्यवृद्धि के कारण गिनाते हुए बताया, ‘खाद्य तेलों और नमकीन बनाने में इस्तेमाल होने वाली अन्य सामग्री के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है।
इसके अलावा, पेट्रोल-डीजल की कीमतें लम्बे समय से ऊंचे स्तर पर रहने से हमारी परिवहन लागत बढ़ गई है।’ बोथरा के मुताबिक नमकीन उत्पादों को पैक करने में प्रयुक्त होने वाला कागज और प्लास्टिक की पन्नी भी महंगी हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 के प्रकोप के कारण नमकीन कारखानों के ज्यादातर मालिकों और विक्रेताओं ने अपने कर्मचारियों की वेतन पिछले दो साल से नहीं बढ़ाई थी, लेकिन इस साल अप्रैल में नया वित्त वर्ष शुरू होते ही इनकी तनख्वाह में इजाफा किया गया है।
गौरतलब है कि नमकीन उत्पादन के मामले में इंदौर, देश का अग्रणी केंद्र है। शहर की करीब 1,500 छोटी-बड़ी नमकीन इकाइयों से हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये का घरेलू कारोबार और निर्यात होता है। (एजेंसी)