Abhijit Gulanikar

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    मुंबई: स्टेट बैंक समूह (State Bank Group) की लिस्टेड जीवन बीमा कंपनी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (SBI Life Insurance) देश की एक सबसे तेज ग्रोथ दर्ज करने वाली बीमा कंपनी है। निजी जीवन बीमा क्षेत्र में यह 24.5% की बड़ी बाजार हिस्सेदारी रखती है। अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में कंपनी ने अपनी प्रीमियम आय में 67% की अच्छी वृद्धि प्राप्त की। साथ ही एसबीआई लाइफ अपने शेयरधारकों को भी अच्छा रिटर्न प्रदान कर रही है। 

    पिछले एक साल में इसके शेयर ने 14% का फायदा दिया है। इसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो 97% से अधिक है। एसबीआई लाइफ की प्रगति, व्यवसाय रणनीति, फाइनेंशियल प्लानिंग, बीमा उद्योग के बदलते ट्रेंड के संबंध में एसबीआई लाइफ के प्रेसिडेंट (बिजनेस स्ट्रेटजी) अभिजीत गुलानीकर (Abhijit Gulanikar) से वाणिज्य संपादक विष्णु भारद्वाज की विस्तृत चर्चा हुई। पेश हैं उसके मुख्य अंश:-

    • फाइनेंशियल प्लानिंग और वेल्थ क्रिएशन में बीमा प्लान्स कितने प्रभावी है?

    बहुत अधिक प्रभावी है। आप अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान किए बिना बेस्ट फाइनेंशियल प्लानिंग (Best Financial Planing) की कल्पना कैसे कर सकते हैं और जीवन में किसी भी अनहोनी की स्थिति में लाइफ इंश्योरेंस प्लान ही परिवार को आर्थिक सुरक्षा (Protection) प्रदान करता है। इसलिए अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए जीवन बीमा सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें टैक्स सेविंग (Tax Saving) का भी बड़ा फायदा है। आज हर व्यक्ति के लिए टर्म (Term Insurance) और हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) तो अत्यावश्यक है। फिर अपनी बचत को एफडी, म्यूचुअल फंड, लाइफ इंश्योरेंस सेविंग प्लान में निवेश करना सही है। इंश्योरेंस गारंटीड प्लान (Guaranteed Income Plans) में लाइफ कवर के साथ आसानी से टैक्स फ्री वार्षिक 5.5 से 6% रिटर्न मिलता है। जबकि यूलिप इक्विटी प्लान्स (ULIP Equity Plans) में लाइफ कवर के साथ लॉन्ग टर्म में 9 से 10% का वार्षिक रिटर्न मिल रहा है और वेल्थ बन रही है, जो सेंसेक्स-निफ्टी के रिटर्न के अनुसार होता है। यूलिप डेब्ट फंड में भी 6 से 6.5% रिटर्न मिलता है। यदि आप रिटायरमेंट पश्चात निश्चित आय चाहते हो तो एनपीएस (NPS) अच्छा है। जिसमें आपकी बचत संचित होती है और रिटायरमेंट के बाद हर माह एक फिक्स इनकम प्राप्त होती है। इस तरह फाइनेंशियल प्लानिंग और वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation) में इंश्योरेंस बहुत प्रभावी है।

    • कोविड संकट के कारण आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने से देश में बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ी गयी है। अब किस तरह के बीमा प्लान की मांग अधिक है?

    कोविड महामारी आने पर पहले प्रोटेक्शन (टर्म) बीमा प्लान की मांग सबसे ज्यादा निकली। फिर परिवार की वित्तीय जरूरतों की पूर्ति करने वाले गारंटीड रिटर्न प्लान्स की मांग बढ़ी और जब स्टॉक मार्केट में तेजी आई तो वेल्थ क्रिएशन वाले यूलिप प्लान्स की मांग भी बढ़ गयी। वैसे एसबीआई लाइफ का पहले से ही प्रोटेक्शन और सेविंग्स वाले गारंटीड बीमा प्लान्स पर अधिक फोकस रहा है। पेंशन प्लान को छोड़ हमारे अन्य सभी प्लान्स में लाइफ कवर मिलता है। आमतौर पर सभी बचत प्लान में प्रीमियम का 10 से 11 गुना लाइफ कवर यानी प्रोटेक्शन मिलता है। साथ ही बचत पर पूंजी ग्रोथ भी होती है। जबकि परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने वाले प्योर टर्म प्लान्स में आमतौर पर 80 से 100 गुना लाइफ कवर मिलता है। 35 से 40 साल के आयु वर्ग वाले व्यक्ति को 20 हजार रुपए वार्षिक प्रीमियम पर 80 लाख से 1 करोड़ रुपए का लाइफ कवर मिलता है।

    • अन्य बीमा कंपनियों की तुलना में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस की तेज ग्रोथ के मुख्य कारण क्या है?

    हम पिछले 10-12 वर्षों से लगातार हाई ग्रोथ (High Growth) हासिल कर रहे हैं। कोविड संकट के बाद भी ग्रोथ तेज हुई है। उच्च वृद्धि दर के मुख्य कारण स्टेट बैंक का अटूट भरोसा, ग्राहकों की जरूरतों के अनुकूल बीमा प्लान और श्रेष्ठ ग्राहक सेवा है। साथ ही इसकी वजह हमारी मल्टी-चैनल बिजनेस रणनीति भी है। एसबीआई लाइफ के पास देश में 1.50 लाख से अधिक बीमा एजेंटों का बड़ा नेटवर्क है। उनकी उत्पादकता औरों से अच्छी है। दूसरे, स्टेट बैंक के विशाल शाखा नेटवर्क का लाभ मिलता है। इन दोनों मार्केंटिंग चैनल के अलावा हम अन्य बैंकों से भी अनुबंध कर विपणन नेटवर्क बढ़ा रहे हैं। हमने इंडियन बैंक, साउथ इंडियन बैंक, यस बैंक, पंजाब सिंध बैंक और यूको बैंक के साथ विपणन करार किया है। अब नए बैंकों से भी जुड़ने की योजना है।

    • ‘डिजिटल इंडिया’ में आज हर इंडस्ट्री डिजिटल हो रही है। इंश्योरेंस में इसका क्या असर है?

    इंश्योरेंस इंडस्ट्री (Insurance Industry) भी तेजी से डिजिटल (Digital) हो रही है। एसबीआई लाइफ भी लगभग पूरी तरह डिजिटल हो गयी है। आज हमारा 99% प्रोसेस डिजिटल हो चुका है। हम पॉलिसी के लिए सभी दस्तावेज ऑनलाइन लेते हैं। पॉलिसी भी डिजिटली इश्यू की जाती है और फिर प्रीमियम पेमेंट से लेकर कस्टमर को पे-आउट सभी ऑनलाइन होता है। क्लेम या मैच्योरिटी राशि सीधे ग्राहक के बैंक खाते में जाती है। इस तरह पूरा प्रोसेस डिजिटल होने से ग्राहक को भी फायदा हो रहा है और पारदर्शिता बढ़ी है। हमने बीमा एजेंटों के लिए ‘एम।कनेक्ट लाइफ’ (M. Connect Life ) और ‘स्मार्ट एडवायर यूनिवर्सल’ (Smart Advisor Universal) तथा ग्राहकों के लिए ‘इजी एक्सेस’ (Easy Access) और ‘पैसा जेनी’ (Paisa Genie) मोबाइल एप (Mobile Application) लॉन्च किए हैं, जो काफी उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।

    • इंश्योरेंस में मिस-सेलिंग रोकने के लिए एसबीआई लाइफ क्या कदम उठा रही है?

    हमारा शुरू से ही इस पर विशेष ध्यान रहा है। हम हर पॉलिसी इश्यू करने से पहले कस्टमर को वॉयस कॉल या वीडियो कॉल के जरिए सभी नियम-शर्तों की जानकारी देते हैं और उसकी सहमति के बाद ही पॉलिसी जारी करते हैं। इस कारण हमारी मिस-सेलिंग (Mis-Selling) ना के बराबर है।