SME IPO में मिल रहा अधिक फायदा, उचित मूल्य के कारण निवेशक हो रहे आकर्षित

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मुंबई: लघु एवं मझौली कंपनियां यानी एसएमई (SME) कंपनियों के सार्वजनिक निर्गमों (IPO) में निवेशकों को अधिक फायदा हो रहा है। इसका मुख्य कारण है बड़ी कंपनियों के आईपीओ की तुलना में एसएमई आईपीओ (SME IPO) उचित मूल्य पर लाया जाना है। जहां बीएसई-एनएसई (BSE-NSE) के मैनबोर्ड में लिस्ट होने वाली अधिकांश बड़ी कंपनियां 50 से 100 या इससे भी अधिक के काफी महंगे मूल्य/आय अनुपात (P/E Ratio) पर आईपीओ ला रही हैं, वहीं अधिकांश एसएमई कंपनियां 10 से 30 या इससे भी कम के सस्ते पी/ई रेशियो पर आईपीओ ला रही हैं। अर्थात बड़ी कंपनियों के प्रमोटर व मर्चेंट बैंकर (Merchant Bankers) ज्यादा लालच रखते हुए महंगे दाम पर आईपीओ ला रहे हैं, लेकिन एसएमई कंपनियों के प्रमोटर और मर्चेंट बैंकर अपने निवेशकों के लिए फायदे की गुंजाइश रखते हुए उचित दाम पर आईपीओ ला रहे हैं। इसी कारण एसएमई आईपीओ में अच्छी कमाई हो रही है और निवेशकों का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है। नतीजन इन आईपीओ को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। 

100 गुना, 200 गुना या इससे भी ज्यादा का भारी सब्सक्रिप्शन मिल रहा है और लिस्टिंग पर ही निवेशकों को अच्छा-खासा रिटर्न मिल रहा है। बीएसई के एसएमई आईपीओ इंडेक्स (BSE SME IPO Index) में विगत 12 महीनों में 96% की बड़ी तेजी आई है और यह पिछले माह 26,645 अंक की नई ऊंचाई को छूने के बाद अब 24,503 अंक पर आ गया है,जबकि इस दौरान बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) में केवल 12% की बढ़त दर्ज हुई और यह 62,547 अंक पर पहुंचा है।

निवेशकों से मिलता जोरदार सब्सक्रिप्शन

बीते शुक्रवार को क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग (Crayons Advertising) के शेयर एनएसई के इमर्ज (NSE Emerge) प्लेटफॉर्म पर 45% के अच्छे फायदे के साथ लिस्ट हुए। क्रेयोन्स का आईपीओ मूल्य 65 रुपए था। जबकि इसका शेयर पहले दिन ही 94 रुपए पर बंद हुआ। इस तरह इसने निवेशकों को 45 प्रतिशत का बढ़िया रिटर्न दिया है। मात्र 9 के सस्ते पीई रेशियो पर आईपीओ लाए जाने के कारण 3 दशक से अधिक पुरानी कंपनी क्रेयोन्स के आईपीओ को निवेशकों से 147 गुना का जोरदार सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ था। इसकी मर्चेंट बैंकर कॉर्पोरेट कैपिटल वेंचर्स (Corporate Capital Ventures) थी। इससे पहले 26 मई को एनएसई इमर्ज में लिस्ट हुई स्टील कंपनी कृष्का स्ट्रैपिंग सोल्यूशन (Krishca Strapping Solutions) के आईपीओ में निवेशकों को दोगुना लाभ मिला है। कृष्का स्ट्रैपिंग का आईपीओ मूल्य भी काफी सस्ता था। इसने मात्र 7 के पीई रेशियो पर ही आईपीओ मूल्य रखा था। इस कारण इसके आईपीओ को रिकॉर्ड 337 गुना निवेश प्राप्त हुआ। कृष्का स्ट्रैपिंग के आईपीओ की मर्चेंट बैंकर शेयर इंडिया कैपिटल (Share India Capital) थी। बीते सप्ताह 31 मई को इन्फोलियन रिसर्च (Infollion Research Services) के आईपीओ को भी 260 गुना को जोरदार सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ। क्लाउड सेगमेंट की एक दशक से अधिक पुरानी इस कंपनी का आईपीओ मूल्य 82 रुपए रखा गया था और इसका पीई रेशियो 14 रुपए था। इन्फोलियन आईपीओ की मर्चेंट बैंकर होलानी कंसल्टेंट्स (Holani Consultants) थी और इसके शेयर 8 जून को लिस्ट होंगे।

किसी में लाभ, तो किसी में घाटा

निवेशकों की बढ़ती रूचि के कारण एसएमई आईपीओ की संख्या बढ़ती जा रही है। 2022 में करीब 109 एसएमई कंपनियों के आईपीओ आए, जिनके द्वारा 1,875 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाई गयी। और 2023 में अब तक करीब 50 एसएमई आईपीओ के द्वारा करीब 900 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाई गई हैं। हालांकि सभी आईपीओ में फायदा नहीं बल्कि कई कमजोर फंडामेंटल या महंगे दाम के कारण कई आईपीओ में नुकसान भी हो रहा है। इस साल लिस्ट हुए 50 आईपीओ में 34 कंपनियों के शेयर फायदे में चल रहे हैं। जबकि 16 के नुकसान में हैं। इसी तरह वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 129 आईपीओ आए। जिनमें से 83 आईपीओ ही फायदे में हैं, शेष 46 आईपीओ में निवेशकों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जिन कंपनियों ने सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। उनमें मैकफॉस, क्विकटच, लीड रिक्लेम, एक्सहीकॉन, मकोन रसायन, क्वालिटी फॉयल्स, इन्फीनियम फार्मा, इनोकैज इंडिया, श्रीवासावी एडेसिव, सिस्टैन्गो टेक्नो, शेरा एनर्जी, डी निर्स टूल्स, रेटिन पेंटस और डूकोन ऑर्गेनिक्स शामिल हैं। जिनमें 40 से 200 प्रतिशत का बढ़िया रिटर्न मिल रहा है। इसके विपरीत एजी यूनिवर्सल, वियाज टायर्स, अग्रवाल फ्लॉटग्लास, अरिस्टो बायो, इंडोग टी, पैट्रोन एक्जिम, अमान्य वेंचर्स के आईपीओ में 10 से 60 प्रतिशत तक का घाटा भी हो रहा है।

बहुत ही सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि एसएमई हो या मेनबोर्ड आईपीओ, किसी भी आईपीओ में बहुत ही सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है। अन्यथा फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। जिस कंपनी के फंडामेंटल मजबूत दिखाई दे और आईपीओ मूल्य सस्ता हो, उसी में निवेश करना चाहिए। तभी फायदे की गुंजाइश रहती है। वैसे एसएमई आईपीओ में अधिक सतर्कता रखना जरूरी है क्योंकि सेबी के नियमों के मुताबिक, इनमें लॉट साइज अधिक होने के कारण न्यूनतम निवेश 1 लाख रुपए से अधिक करना पड़ता है, जबकि बड़ी कंपनियों के मेनबोर्ड आईपीओ में न्यूनतम निवेश 15 हजार रुपए ही होता है। इस कारण यदि बिना जांच-पड़ताल के किसी खराब एसएमई आईपीओ में निवेश कर दिया तो ज्यादा घाटा हो सकता है। कुछ मर्चेंट बैंकर काफी उचित मूल्य पर ही आईपीओ ला रहे हैं। इसलिए जोखिम से बचने के लिए निवेशक को मर्चेंट बैंकर का ट्रैक रिकॉर्ड भी देख लेना चाहिए।