
मुंबई: भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज ग्रोथ, महंगाई में कमी आने और वैश्विक बाजारों में माहौल अनुकूल बनने से विदेशी निवेशक फिर आकर्षित हो रहे हैं। जिससे भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में तेजी का नया दौर शुरू हो गया है। विगत महीनों में आई तेजी के बाद अब बाजार का भावी परिदृश्य कैसा रहेगा, इस साल देश की आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी और कहां निवेश अवसर हैं, इन्हीं सब मुद्दों पर निपोन इंडिया म्यूचुअल फंड (Nippon India Mutual Fund) के हैड इक्विटी रिसर्च एवं फंड मैनेजर आशुतोष भार्गव (Ashutosh Bhargva) की वाणिज्य संपादक विष्णु भारद्वाज से विस्तृत चर्चा हुई।
निपोन इंडिया म्यूचुअल फंड को जापान के 134 साल पुराने वित्त और बीमा समूह निपोन लाइफ ने प्रमोट किया है। भारत में निपोन इंडिया म्यूचुअल के पास सबसे अधिक 1.96 करोड़ निवेशक खातों (Investor Folios) के साथ 3.11 लाख करोड़ रुपए का कुल प्रबंधन कोष (AUM) है। निवेश गुरू आशुतोष भार्गव के प्रभावी नेतृत्व में निपोन म्यूचुअल अपने निवेशकों को बेहतरीन प्रतिफल प्रदान कर रहा है। पेश हैं चर्चा के मुख्य अंश:
- पिछले साल देश ने 7.2% की उच्च आर्थिक विकास दर प्राप्त की, इस साल जीडीपी दर कितनी रहने की उम्मीद है?
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की जीडीपी (GDP) दर बड़े देशों में सबसे अधिक रही और इस साल (वित्त वर्ष 2023-24) भी बड़े देशों में सबसे ज्यादा ही रहने की उम्मीद है। खास बात यह है कि दूसरे बड़े देशों में महंगाई की चिंता तो अवश्य कम हुई है, लेकिन वहां ग्रोथ की चुनौती कायम है। इसके विपरीत भारतीय अर्थव्यवस्था में दोनों की चिंता नहीं रही है। भारत में महंगाई कंट्रोल आने के साथ ही विकास गति भी तेज हो रही है। इस तरह दुनिया में भारत एक चमकता सितारा बन गया है। यही कारण है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारत के प्रति फिर आकर्षित हो गए हैं।
- महंगाई कम होने तथा विकास गति बढ़ने से कार्पोरेट इंडिया की अर्निंग (Profit) पर क्या प्रभाव होता दिख रहा है?
पिछले वित्त वर्ष में हाई इन्फ्लेशन (Inflation) और कुछ अन्य कारणों से कई सेक्टर्स की अर्निंग पर काफी असर पड़ा, लेकिन क्रूड ऑयल सहित अधिकांश कमोडिटीज कीमतों में गिरावट आने से विगत तिमाही (जनवरी-मार्च 23) के रिजल्ट्स अनुमान से बेहतर रहे और मौजूदा वित्त वर्ष में कॉर्पोरेट इंडिया (Corporate India) की अर्निंग में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2023-24 की सबसे बड़ी स्टोरी कार्पोरेट अर्निंग की रहेगी। कॉर्पोरेट प्रॉफिट टू जीडीपी रेशियो बढ़ेगा। कॉर्पोरेट इंडिया की अर्निंग में इस साल 15% से अधिक वृद्धि होने के आसार हैं। कॉर्पोरेट अर्निंग बढ़ेगी तो निवेशकों का उत्साह बढ़ेगा और बाजार में तेजी को बल मिलेगा।
- किन सेक्टर्स मे ज्यादा ग्रोथ दिखाई दे रही है और कौनसे में कम?
देखिए, किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास के लिए 3 मुख्य इंजन होते हैं। एक्सपोर्ट, कंजम्पशन एंड कैपेक्स यानी निर्यात, खपत और निवेश। वर्तमान में भारत के लिए एक्सपोर्ट में थोड़ी मुश्किल दिख रही है, लेकिन कंजम्पशन बढ़ रहा है, इसलिए डोमेस्टिक डिमांड वाले सेक्टर मजबूत बने रहेंगे। कैपेक्स की स्थिति भी काफी अच्छी है। पिछले कुछ वर्षों से सरकार का कैपेक्स मजबूत रहा है। सरकार सबसे ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्टर पर खर्च कर रही है। अब निजी क्षेत्र का निवेश भी बढ़ने लगा है। पीएलआई स्कीम से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिल रहा है। इलेक्ट्रोनिक्स, ऑटो और ग्रीन एनर्जी मे सबसे ज्यादा निवेश बढ़ रहा है और इन सेक्टर की ग्रोथ तेज हो रही है। साथ ही पावर, स्टील, फार्मा, टेलिकॉम और रियल इस्टेट में भी निवेश बहुत सुदृढ़ है। ऐसी स्थिति में डोमेस्टिक डिमांड वाले सेक्टर अच्छे दिख रहे हैं। साथ ही कमोडिटी कीमतों में कमी आने से ऑटो, सीमेंट और फार्मा में डिमांड और मार्जिन, दोनों का अच्छा संगम बनता दिख रहा है, जबकि ग्लोबल डिमांड वाले सेक्टर जैसे कि आईटी, केमिकल और ऑयल-गैस और मास प्रोडक्ट्स वाले सेक्टर्स में कम ग्रोथ दिख रही है।
- अर्थव्यवस्था और बाजार के लिए जोखिम क्या दिख रहे हैं?
कुछ जोखिम भी अवश्य हैं। पहला, फेडरल रिजर्व या दूसरे बैंकों द्वारा ब्याज दरें ज्यादा बढ़ाना। दूसरे, किसी कारणों से ऑयल में फिर तेजी आना। तीसरा, मानसून कमजोर रहने की आशंका और इस साल चूंकि चुनावी वर्ष है। इसलिए राजनीतिक अनिश्चितता उत्पन्न होने पर ग्रोथ प्रभावित होने की आशंका।
- विगत कुछ महीनों में 10 प्रतिशत की बड़ी तेजी आने के बाद अब निवेश अवसर कहां देख रहे हैं?
अब बाजार में लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉलकैप, तीनों साइज कैटेगरी की वैल्यूएशन लगभग बराबर आ गयी है। इसलिए निवेशकों को अच्छे निवेश अवसर तलाशने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी। विभिन्न सेक्टर्स में राइट वैल्यूएशन वाली कंपनियों के लिए बॉटम-अप अप्रोच अपनानी होगी। बाजार पिछले 18 महीनों से यानी अक्टूबर 2021 से एक सीमित रेंज में रहा है और इस दौरान बड़ा टाइम कंसोलिडेशन हुआ है। इस दौरान महत्वपूर्ण बात यह रही कि रिटेल निवेशकों का म्यूचुअल फंडों में एसआईपी निवेश लगातार बढ़ता रहा है। भारतीय रिटेल निवेशकों का ‘इंडिया ग्रोथ स्टोरी’ और ‘इक्विटी एसेट क्लास लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन’ पर भरोसा बढ़ता जा रहा है। यह भारतीय निवेशकों की बढ़ती ताकत का प्रमाण है और यह बाजार के लिए एक बड़ा पिलर भी बन गया है। निवेश अवसरों की बात करें तो मल्टी कैप और फ्लैक्सी कैप फंड निवेश के लिए अच्छे विकल्प हैं। इनमे सभी साइज कैटेगरी और डाइवर्सिफाई पोर्टफोलियो का लाभ मिलता है। बैलेंस एडवांटेज और मल्टी एसेट फंड भी कम जोखिम के साथ बेहतर विकल्प हैं।
- पिछले एक साल में निपोन इंडिया म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों का प्रदर्शन कैसा रहा है और कितने नए निवेशक निपोन से जुड़े हैं?
हम चाहते हैं कि निवेशकों को अच्छा रिटर्न बने और लॉन्ग टर्म में उनकी अच्छी वेल्थ बने। इसके लिए निपोन की रिसर्च एवं निवेश टीम हम ‘ग्रोथ एट रिजनेबल प्राइस’ (गार्प) और ‘राइट सेक्टर, राइट सलेक्शन’ की नीति सदैव प्रयासरत रहती है। इसी कारण हमारी स्कीम्स बढ़िया प्रदर्शन कर रही हैं। विगत एक साल में हमारी इक्विटी स्कीमों में निवेशकों को 20% लेकर 30% तक का रिटर्न मिला है। अच्छे प्रदर्शन की बदौलत निवेशकों का निपोन इंडिया म्यूचुअल फंड पर भरोसा दिनों-दिन मजबूत हो रहा है और पिछले एक साल में 26 लाख नए निवेशक खाते खुले हैं।