बाजार : बीते सप्ताह सोयाबीन, पामोलीन, सीपीओ की कीमतों में आई गिरावट

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    नई दिल्ली : सोयाबीन डीगम, पामोलीन और कच्चे पाम तेल का आयात शुल्क मूल्य बाजार भाव से कम बनाये रखने के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सोयाबीन डीगम तेल, पामोलिन और सीपीओ तेल कीमतों में गिरावट का रुख रहा, जबकि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की मांग होने की वजह से सोयाबीन दाना और लूज के भाव सुधार के साथ बंद हुए।

    बाजार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह सीपीओ और सोयाबीन डीगम तेल का आयात शुल्क मूल्य बाजार भाव से 300-400 रुपये क्विंटल नीचे बनाये रखा गया था। वैसे तो इस आयात शुल्क मूल्य को पिछले पखवाड़े के स्तर पर ही रखा गया है, लेकिन यह इन तेलों के हाजिर भाव से काफी कम है जिसमें काफी समय से बदलाव नहीं हुआ है। इसके कारण सोयाबीन और सीपीओ के भाव प्रभावित होने से सीपीओ और सोयाबीन डीगम तेल के अलावा पामोलीन दिल्ली, पामोलीन कांडला, सोयाबीन दिल्ली और सोयाबीन कांडला तेल कीमतों में भी गिरावट आई।

    उन्होंने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की मांग बढ़ने से सोयाबीन दाना और सोयाबीन लूज के भाव सुधार के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि अभी बाजार की मांग के मुकाबले जिस मात्रा में डीओसी का आयात किया जा रहा है, उससे मांग पूरी नहीं हो रही है और अगले कुछ दिनों में स्थिति सुधर सकती है। 

     

    सूत्रों ने कहा कि मूंगफली की अगली फसल आने में अभी कुछ देर है जिसकी वजह से समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली तेल-तिलहनों के भाव मजबूत रहे। जबकि बिनौला की अगली फसल जल्द ही बाजार में आने वाली है जिसके कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में इसके भाव टूटते नजर आये। सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताहांत में मांग होने के बीच देश की मंडियों में आवक घटने से सरसों दाने की कीमत में तेजी आई। उन्होंने कहा कि आगे जाकर त्योहारी मांग बढ़ेगी ही, और सरसों तेल का कोई विकल्प नहीं है।

    उन्होंने कहा कि यही वजह है कि सलोनी, आगरा और कोटा में सरसों का भाव अपने पिछले सप्ताह के 8,800 रुपये के मुकाबले बढ़ाकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 9,200 रुपये क्विंटल कर दिया गया, जो सरसों तेल-तिलहन कीमतों में आये सुधार का मुख्य कारण है। 

     उन्होंने कहा कि राजस्थान के कोटा में पिछले सप्ताह कच्ची घानी के सरसों तेल का भाव 168 रुपये (जीएसटी अलग से) था जिसे बढ़ाकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 177 रुपये किलो कर दिया गया। कोटा के सरसों का कच्ची घानी का तेल सबसे बढ़िया माना जाता है और भरतपुर की बड़े तेल मिलों की कोटा से सरसों कच्ची घानी तेल की मांग बढ़ रही है क्योंकि सरसों तिलहन आसानी से उपलब्ध नहीं है। इन सब स्थितियों की वजह से सरसों में सुधार है।   

    सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के तेल पेराई संयंत्रों के रखरखाव के काम में मशगूल होने की वजह से मांग प्रभावित होने के कारण भी सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई। बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 225 रुपये का लाभ दर्शाता 8,400-8,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,175-8,225 रुपये प्रति क्विंटल था। 

    सरसों दादरी तेल का भाव 420 रुपये की मजबूती के साथ 17,000 रुपये क्विंटल हो गया। सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी के भाव क्रमश: 45-45 रुपये के सुधार के साथ समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 2,605-2,655 रुपये और 2,690-2,800 रुपये प्रति टिन (15 लीटर) पर बंद हुए। समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाना और लूज के भाव क्रमश: 475 रुपये और 200 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 9,100-9,500 रुपये और 8,800-9,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। 

     

    दूसरी ओर सोयाबीन डीगम का आयात शुल्क मूल्य बाजार भाव से कम होने के कारण सोयाबीन डीगम तेल में गिरावट आई जिसका असर सोयाबीन के बाकी तेलों पर भी दिखा। सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 30 रुपये, 50 रुपये और 120 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 15,000 रुपये, 14,900 रुपये और 13,540 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।   

     समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली (तिलहन) के भाव 6,820-6,965 रुपये पर पूर्ववत रहे। जबकि मूंगफली गुजरात 70 रुपये सुधार के साथ 15,570 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड का भाव 10 रुपये सुधार के साथ 2,395-2,525 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 110 रुपये घटकर 11,900 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल के भाव क्रमश: 220 रुपये और 190 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 13,430 रुपये और 12,320 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बिनौला तेल की कीमत 200 रुपये घटकर 14,350 रुपये क्विंटल रह गई। (एजेंसी)