The Chief Minister's Office gave the answer regarding the rate of petrol in Mumbai, told the Prime Minister's statement to be false
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    नई दिल्ली: देश में ईंधन की बढ़ती कीमत के वजह से आम जनता परेशान है। तेल की बढ़ी हुई कीमत के कारण महंगाई लगातार आसमान छूती जा रही है। लोगों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द हो लोगों को राहत देने के लिए बड़ा निर्णय जा रही है। जिसके कारण पेट्रोल की कीमतों में करीब आठ रुपए की कटौती की जाएगी। जानिए आखिर क्या है यह निर्णय  

    मोदी सरकार ने पेट्रोल इथेनॉल का प्रतिशत 8.5 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की डेडलाइन को 2030 से घटाकर 2025 कर दिया है। जिसके कारण ईंधन की कीमत में एक लीटर में करीब आठ रुपए की कमी आएगी। हालांकि, यह मौजूदा समय में बनी गाड़ियों के माइलेज को कम करेगा क्योंकि, अभी जो गाड़ियां सड़क पर चल रही है। उनका इंजन पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल के लिए बनाया गया है। 

    इंजन में लगने लगता है जंग 

    मौजूदा गाड़ियों में जो इंजन लगा हुआ है, उनमें अगर 20 प्रतिशत इथोनल मिला पेट्रोल का इस्तेमाल किया जाएगा को इंजन के कुछ समय बाद जंग लगना शुरू हो जाएगा। जिसके कारण गाड़ी झटके देने लगेगी।  और सरल शब्दों में कहे तो हर गाड़ी का रीड वेपर प्रेशर होता है। जैसे ही गाड़ियों में अलग अलग ईंधन डालते हैं तो वह बदलता है। जिससे गाड़ियों में लगे पुर्जो की क्षमता प्रभावित होती है।  

    इंजन मॉडिफिकेशन में नहीं आएगा ज्यादा खर्च 

    एक ओर जहां सरकार ने पेट्रोल में इथोनल बढ़ाने का फैसला कर लिया है, वहीं लोगों के मन में गाड़ियों के माइलेज को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि, एक्सपर्ट से बात करने पर पता चला है कि, पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को 20 प्रतिशत इथोनल मिक्स इंजन में बदलने के लिए ज्यादा खर्चा नहीं आएगा। दो पहिया गाड़ियों के इंजन जहां दो हजार में मॉडिफाय हो जाएंगे, वहीं चार पहिया गाड़ियों में इसके लिए चार हजार रुपए खर्चा करना पड़ेगा। 

    वहीं सरकार ने भी भीसभी दो पहिया और चार पहिया वाहन निर्माता कंपनियों को 20 प्रतिशत इथोनल वाले इंजन के साथ फ्लेक्स इंजन (इथोनल और पेट्रोल दोनों से चलने वाले इंजन) बनाने के निर्देश दिया हैं। 

    यूपी में सबसे ज्यादा इथोनल उत्पादन 

    भारत की इथेनॉल उत्पादन क्षमता 684 करोड़ लीटर है। 2025 तक पेट्रोल में इथेनॉल के लक्षित 20% मिश्रण के लिए, देश को 1,000 करोड़ लीटर क्षमता की आवश्यकता होगी। जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने मौजूदा इथोनल उत्पादन को दोगुना करने का काम शुरू कर दिया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश ने महाराष्ट्र को पछाड़ कर भारत का पहला राज्य बन गया है, जहां सबसे ज्यादा इथोनल का उत्पादन हुआ है। वहीं बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा सहित कई राज्यों  यहां इथोनल का उत्पादन दोगुना करने का ऐलान कर चुके हैं।