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    मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही आरबीआई ने मुद्रास्फीति (RBI Monetary Policy) की ऊंची दर के बीच उदार रुख को बरकरार रखा। यानी हाल-फिलहाल नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना नहीं है। यह लगातार 10वां मौका है जब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। 

    वहीं इससे पहले 22 मई, 2020 को मांग को गति देने के इरादे से रेपो दर में कमी कर इसे रिकार्ड निचले स्तर पर लाया गया था। आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि समिति ने रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है और देश मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना हुआ है। 

    शक्तिकांत दास ने कहा कि 2022-23 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान है। साथ ही उन्होंने कहा कि 2022-23 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8% रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा। एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा। रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)