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    नई दिल्ली: बढ़ती महंगाई से आम आदमी का बजट बिगड़ता जा रहा है। वहीं बढ़ते तेल के दाम कम होने के नाम नहीं ले रहे है। दूसरी तरफ बची कसर महंगे पेट्रोल और बिजली ने पूरी कर दी है। जिसके चलते दिसंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.59% पर पहुंच गई है। बता दें कि, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई महंगाई दर की अधिकतम सीमा के बेहद करीब का आंकड़ा है। 

    खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़े 

    राष्ट्रीय सांख्यकी कार्यालय (एनएसओ) ने बुधवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए है। जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्यान्न और राशन की कीमतों में बढ़ोत्तरी के चलते महंगाई दर बढ़ी है। दिसंबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 4.05 प्रतिशत हो गई, जो नवंबर महीने में 1.87 प्रतिशत थी।  

    सब्जियां के दाम हुए कम, तेल आसमान पर  

    जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020 के दिसंबर की तुलना में इस साल दिसंबर 2021 में सब्जियों की महंगाई दर काम हुई है और इसमें 2.99 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। जबकि इसी अवधी में खाद्य तेलों की महंगाई दर आसमान छूती नजर आई। इस अवधि में 24.32% बढ़ गई है और ईंधन एवं बिजली की महंगाई दर भी 10.95% रही है। 

     तीसरे महीने बढ़ी महंगाई

    उल्लेखनीय है कि, नवंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.91 फीसदी और अक्टूबर में 4.48 फीसदी रही थी। वहीं, सितंबर 2021 में अगस्त 2021 की तुलना में घटकर 4.35% पर आ गई थी। बता दें कि, अगस्त 2021 में यह आंकड़ा 5.3 प्रतिशत था। 

    जबकि पिछले साल दिसंबर 2020 में महंगाई दर 4.59% था। पता हो कि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई दर के लिए 4 प्रतिशत का लक्ष्य तय किया है और इसमें 2% ऊपर और नीचे जाने का मार्जिन रखा गया है। 

    उल्लेखनीय है कि, दिसंबर 2021 की खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक की अधिकतम सीमा के पास पहुंच गई है। वहीं राष्ट्रिय बैंक ने महंगाई को नियन्त्रणं पाने के लिए 9 बार से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।