Stock Bears Attack Adani Group!

  • NSDL और अडानी ग्रुप ने खबर को गलत बताया
  • 538 अंक तक गिरने के बाद नई ऊंचाई पर बंद हुआ सेंसेक्स

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मुंबई. शेयर बाजार में तेजड़ियों (Stock Bulls) और मंदड़ियों (Stock Bears) की लड़ाई सोमवार को खुलकर सामने आ गई और इसका शिकार हुआ पूरा अडानी ग्रुप (Adani Group) एवं इसके 10 लाख से अधिक निवेशक (Investors)। मंदड़ियों ने इस बार अडानी ग्रुप को अपने निशाने पर लेते हुए इससे संबंधित गलत खबरें फैलाकर इसके शेयरों में मंदी का कुचक्र रचा।

इस घटनाक्रम का पूरे बाजार (Stock Market) पर असर पड़ा और शुरूआती कारोबार में अडानी ग्रुप के शेयरों सहित अन्य तमाम कंपनियों के शेयरों में घबराहटपूर्ण बिकवाली देखी गयी। जिससे छोटे निवेशकों को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। सबसे अधिक घाटा अडानी ग्रुप के निवेशकों को हुआ और अडानी ग्रुप का मार्केट कैप एक ही दिन में 44,000 करोड़ रुपए तक घट गया।  

औंधे मुंह गिरे अडानी के शेयर

अडानी के खिलाफ गलत खबरें प्रचारित होने से सोमवार को बाजार खुलते ही अडानी ग्रुप की सभी 6 कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिरे। अडानी इंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) 20% तक और अडानी पोर्ट (Adani Port) 19% तक गिरा। अन्य 4 कंपनियों के शेयरों में बाजार खुलते ही 5% का निचला सर्किट लग गया, इनमें से अडानी ग्रीन (Adani Green) में सर्किट खुला, लेकिन अडानी पावर (Adani Power), अडानी टोटल (Adani Total) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में अंत तक सर्किट लगा रहा। अडानी के शेयरों में मंदी का असर पूरे बाजार पर हुआ। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स (Midcap) 654 अंक और स्मालकैप (Smallcap) 538 अंक तक गिरा। सेंसेक्स (Sensex) भी 538 अंक तक गिरने के बाद 52,551 अंक की नई ऊंचाई पर बंद हुआ। बाद में मिडकैप और स्मालकैप में भी रिकवरी आई।

क्या है मामला?

एक अंग्रेजी अखबार और चैनल ने सोमवार को यह खबर प्रकाशित की, ‘अडानी ग्रुप की कंपनियों के निवेशक मारीशस स्थित 3 फंडों अलबुला इन्वेस्टमेंट (Albula Investments), क्रेस्टा फंड (Cresta Fund) और APMS इन्वेस्टमेंट फंड के डिमैट खाते नियमों के अनुसार पर्याप्त दस्तावेज जमा नहीं किए जाने के कारण एनएसडीएल (NSDL) ने फ्रीज कर दिए हैं।’ इस खबर के बाद आज बाजार खुलते ही अडानी के शेयरों में निवेशकों की घबराहटपूर्ण बिकवाली से निचला सर्किट लग गया। जिसका पूरे बाजार पर निगेटिव असर पड़ा। लेकिन दोपहर 3।04 बजे अडानी ग्रुप ने इस खबर को गलत बताते हुए एनएसडीएल के हवाले से बयान जारी कर कहा, ‘3 विदेशी फंडों के एकाउंट फ्रीज नहीं हैं।’ उसके बाद अडानी की 3 कंपनियों के शेयरों में तो तुरंत रिकवरी आ गयी। हालांकि 3 शेयरों में 5% का निचला सर्किट लगा रहा।     

मंदड़ियों ने रची मंदी की साजिश

बाजार के जानकारों का कहना है कि दरअसल बाजार में इकतरफा तेजी के कारण पिछले कई महीनों से तेजड़िए हावी हैं और मंदड़ियों को कमाई को मौका नहीं मिल पा रहा था। चूंकि पिछले एक साल में अडानी के शेयरों में ही सबसे ज्यादा उछाल आया है। अडानी के शेयर करीब 10 गुना तक बढ़े हैं। इसलिए मंदड़ियों ने अडानी ग्रुप के शेयरों में ही मंदी की साजिश रची। इसमें उन्हें अडानी के विरोधियों का भी साथ मिला। खाते फ्रीज होने की गलत खबर फैलाने के साथ मंदड़ियों ने विगत दो दिनों में एक दूसरी गलत खबर यह फैलाई कि मारीशस के फंडों का 90% से अधिक निवेश केवल अडानी की कंपनियों में है, लेकिन यह सच्चाई छुपाई कि इन विदेशी फंडों का जिंदल सॉ, इरोस, वेलस्पन, आशापुरा सहित अनेक कंपनियों में भी निवेश है। और यह इनका निवेश वैल्यू नहीं बल्कि पोर्टफोलियो वैल्यू है। ये फंड पिछले दो-तीन साल से अडानी के निवेशक हैं और अडानी के शेयरों के भाव ही सबसे ज्यादा बढ़ने से हिस्सा पोर्टफोलियो वैल्यू का 90% से अधिक हो गया हैं।

कड़ी कार्रवाई करें ‘सेबी’ : अरूण केजरीवाल

केजरीवाल रिसर्च एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के अध्यक्ष अरूण केजरीवाल ने कहा कि अडानी ग्रुप के खिलाफ जो गलत खबरें और अफवाहें पिछले दो दिनों में फैलाई गयी हैं, उन्हें मंदड़ियों के इशारों पर कुछ गैर जिम्मेदार तत्वों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए गलत तरीके से प्रचारित किया। अडानी ग्रुप के 3 विदेशी निवेशक फंडों के डिमैट एकाउंट फ्रीज होने की गलत खबर क्यों दी गयी। इसके पीछे क्या रहस्य है? मारीशस आधारित जिन 3 फंडों का 90% से अधिक निवेश अडानी ग्रुप की कंपनियों में बताया जा रहा है। उन फंडों का वह निवेश वैल्यू नहीं बल्कि आज का पोर्टफोलियो वैल्यू है। इन फंडों का निवेश वैल्यू तो बहुत कम है। इस प्रकरण में अंतत: घाटा तो लाखों छोटे निवेशकों को ही हुआ है। मंदड़ियों ने तो भाव नीचे कर करोड़ों रुपए कमा लिए। इसलिए ‘सेबी’ को मंदी के इस कुचक्र की पूरी जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि इससे जहां छोटे निवेशकों को नुकसान हुआ है, वहीं भारत की वैश्विक स्तर पर इमेज भी खराब होती है।