Truck Freight Rates Rising Due To Expensive Diesel
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  • त्योहारों पर और बढ़ सकते हैं भाड़े

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मुंबई. लगातार महंगे होते डीजल (Diesel) और बढ़ते टोल शुल्क (Toll Charges) के कारण ट्रक माल ढुलाई भाड़ों (Truck Freight Rates) में भारी वृद्धि हो गयी है। सर्वाधिक व्यस्त मार्ग मुंबई-दिल्ली सहित सभी मार्गों के लिए ट्रक भाड़ों में 10 से 15% का इजाफा हुआ है। पिछले 4 महीनों में जहां डीजल 10% महंगा हुआ है और वहीं टोल शुल्क भी 15 से 20% बढ़ गया है। 

इससे ट्रांसपोर्टरों (Transporters) पर दोहरी मार पड़ रही है और उन्हें मजबूरन भाड़े बढ़ाने पड़ रहे हैं। माल ढुलाई भाड़ों में वृद्धि का सीधा असर आवश्यक वस्तुओं (Essencial Commdities) पर पड़ रहा है। जिससे उनमें महंगाई बढ़ रही है।

50% कुल लागत में डीजल की हिस्सेदारी

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि ट्रकों के परिचालन में सबसे ज्यादा खर्च डीजल पर होता है। कुल माल ढुलाई लागत में करीब 50% हिस्सा डीजल का होता है और डीजल लगातार महंगा होता जा रहा है। एक मई 2021 को मुंबई में डीजल के दाम 87.81 रुपए प्रति लीटर थे, जो अब 96.19 रुपए की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। यानी डीजल करीब 10% महंगा हुआ है। बार-बार निवेदन के बावजूद ना केंद्र और ना राज्य सरकारें डीजल पर टैक्स दरों में कटौती कर रही है।

भारी टोल शुल्क भी बड़ी चिंता

डीजल के अलावा भारी टोल शुल्क ट्रांसपोर्टरों की चिंता का दूसरा बड़ा कारण है। सरकार टोल शुल्क में भी कोई राहत नहीं दे रही है। उल्टे सभी मार्गों पर टोल शुल्क में वृद्धि की जा रही है। मुंबई-दिल्ली रूट पर ट्रक के लिए एक तरफ का कुल टोल करीब 9,000 रुपए हो गया है, जो फरवरी 2021 में करीब 7,500 रुपए था।

कोविड संकट से 15% ट्रक बंद

ट्रक भाड़े बढ़ने की तीसरी वजह यह है कि कोविड संकट के कारण कई छोटे ट्रांसपोर्टर भारी घाटे में आ गए हैं और वे अपनी बैंक लोन किस्तें चुकाने में असमर्थ हैं। उन्होंने पूंजी के अभाव में अपने ट्रक खड़े कर दिए हैं। यानी उनके पास परिचालन के लिए पैसा ही नहीं बचा है। बॉम्बे गुडस ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (BGTA) के महासचिव विपुल बंसल का कहना है कि घाटे के कारण देश भर में करीब 15% ट्रक बंद पड़ गए हैं। इस वजह से भी ट्रकों की शॉर्टेज हो गयी है।

लागत निकालना हो रहा मुश्किल : बंसल

आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विपुल बंसल ने कहा कि कोविड महामारी के कारण ट्रांसपोर्टर सेक्टर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, लेकिन किसी सरकार ने कोई राहत नहीं दी है। ऊपर से महंगे डीजल और भारी टोल ने ट्रांसपोर्टरों की हालत खस्ता कर दी है। ट्रक भाड़े तो हमें विवशता में बढ़ाने पड़ रहे हैं। भाड़े बढ़ने के बावजूद लागत मुश्किल से निकल रही है। यदि सरकार ने डीजल पर टैक्स घटाकर उसके दाम नहीं घटाए तो आगे त्योहारों में ट्रक भाड़ों में और वृद्धि हो सकती है। हमारा केंद्र व राज्य सरकारों से आग्रह है कि वे डीजल पर टैक्स (Tax) तुरंत घटाएं क्योंकि महंगा डीजल सभी वस्तुओं की महंगाई बढ़ा रहा है।

त्योहारों में महंगाई बढ़ने की आशंका : ठक्कर

व्यापार महासंघ ‘कैट’ के मुंबई अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि महंगे डीजल-पेट्रोल तथा बढ़ते ट्रक भाड़ों से अनाज-दाल, तेल, फल-सब्जी सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की महंगाई बढ़ रही है। आगे त्योहारी सीजन में मांग निकलने पर ट्रकों की शॉर्टेज हो सकती है। जिससे माल ढुलाई लागत बढ़ने की आशंका रहेगी। तब महंगाई और भड़केगी। इसलिए केंद्र सरकार को अब जबकि उसका जीएसटी (GST) राजस्व हर माह बढ़ रहा है तो उसे पेट्रोल-डीज़ल पर पिछले साल बढ़ाई गयी एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) को शीघ्र वापस लेना चाहिए, ताकि जनता को महंगाई से कुछ राहत मिल सके।