- शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड ने दिया आश्वासन
चंद्रपुर. शालेय शिक्षा और खेल विभाग ने 10 जुलाई 2020 को एक अधिसूचना जारी कर महाराष्ट्र निजी स्कूल कर्मचारी नियम 1081 के सेवा शर्तो में बदलाव का सुझाव दिया था। इस अधिसूचना के कारण राज्य में 1 नवंबर 2005 के पूर्व नियुक्त 1 लाख से अधिक प्रधानाध्यापक, शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का पेंशन अधिकार से वंचित होना पडेगा। वर्तमान में, इन सभी कर्मचारियों का पीएफ काटा जा रहा है और वे पेंशन के पात्र हैं। अब नियमों में बदलाव करना और पंद्रह वर्ष पीछे जाना गैरकानूनी है। इसलिए चंद्रपुर के सांसद सुरेश उर्फ बालु धानोरकर और वरोरा विधायक प्रतिभा धानोरकर ने मुंबई की बैठक में 10 जुलाई को जारी अधिसूचना को वापस लेने की मांग की। मांग के मद्देनजर शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड ने अधिसूचना वापिस लेने का आश्वासन दिया है.
गैर आनुदानित शालाओं को अनुदान देने की समस्या अनेकों वर्षो से लंबित है। विधायक प्रतिभा धानोरकर ने पिछले बजट सत्र में इस ओर सदन का ध्यानाकर्षण किया। 22 जून 2020 को राकांपा प्रमुख शरद पवार की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें वित्तमंत्री अजित पवार, शिक्षामंत्री वर्षा गाकयवाड, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव प्रमखता से उपस्थित थे।
प्रचलित नीति के अनुसार प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को अनुदान देने का निर्णय लिया है, लेकिन संबंध में आज तक प्रस्ताव कैबिनेट में पेश नहीं किया गया है, जिससे शिक्षकों में भ्रम और असंतोष बढ़ गया है। इसलिए, शिक्षा मंत्री वर्षाताई गायकवाड़ से मिलकर सांसद बालु धानोरकर और विधायक प्रतिभा धानोरकर ने समस्या के समाधान कीमांग की। जिसके जवाब में शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड ने तुरंत समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है.