चंद्रपुर. कोरोना संकट के कारण लॉकडाऊन लगाया गया. इसके चलते बसेस सेवा पूर्ण रूप से बंद कर दी गई थी. वर्तमान में अनलाक तो कर दिया. परंतु अब भी ग्रामिण क्षेत्र से प्रवासी नही मिलने से जिले में 70 से 75 प्रश बसेस ही चल पा रही है. इसका असर ग्रामीण यात्रियों पर हो रहा है. उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
चंद्रपुर विभाग अंतर्गत चंद्रपुर, वरोरा, चिमूर और राजुरा यह आगार आते है. इस डिपो से ग्रामीण क्षेत्र के अंतिम सिरे तक बसेस चलायी जाती है. परंतु लॉकडाऊन के दौरान यह सेवाएं बंद कर दी गई थी. कोरोना का असर कम होने के बाद नागपुर समेत अन्य लम्बी दूरी की बसेस शुरू की गई परंतु ग्रामीण क्षेत्र में अब भी एसटी बस सेवा शुरू नहीं हो पायी है. इसके चलते ग्रामिणों को कालीपीली, आटो आदि वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है. इसके चलते उन्हें और अधिक आर्थिक नुकसाने भी सहन करना पड़ रहा है.
चंद्रपुर विभाग में 245 बसेस है जिसमें 1 हजार 505 कर्मचारी कार्यरत है. मात्र वर्तमान स्थिति में 70 प्रश बसेस चलाई जा रही है. इसलिए बंद पड़ी बस फेरियां शुय करने की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है.
गोवरी, मानोली, बाबापूर, कडोली, साखरी, पवनी, मार्डा, कोरपना तहसील में मांगलहिरा, येरगवान, कोडशी, चंद्रपूर-कोरपना भोयेगाव मार्ग, जिवती तहसील में गडचांदुर-जिवती येलापूर साथ् ही राजुरा-गडचांदुर-शेगगांव, भारी, बाबापूर-राजूरा, पुडियाल मोहदा, नागभिड तहसील में नागभीड- बालापूर, नागभीड मौशी आदि बसेस बंद है.
कुल 245 बसों में से वर्तमान में शुरू बसों की संख्या 170 है. आगार में खड़ी बसों की संख्या 47 है. कुल 1 हजार 505 कर्मचारियों में से 582 चालक एवं 368 वाहक है. वर्तमान में कार्यरत चालकों की संख्या 480 और वाहकों की 256 है.
चंद्रपुर जिले को ओद्योगिक जिला कहा जाता है. इसके चलते रोजगार के लिए अन्य जिलो से बड़ी संख्या में नागरिक रोजाना यहां आते है. मात्र लॉकडाऊन के बाद काफी गांवों में बसेस शुरू नहीं होने से यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है. नागपुर एवं बड़े शहरों में आवागमन के लिए एसटी और ट्रैव्हल्स बसेस है परंतु ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन के लिए एसटी ही एकमात्र सहारा है.