मनपा के सामने आशा वर्कर महिलाओं ने शुरु किया आंदोलन

  • कर रहे 300 रुपये मानधन की मांग

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चंद्रपुर. कोरेाना संकट में स्वास्थ कर्मियों के वेतन में वृध्दि कर उन्हे वेतन किया जा रहा है। परंतु घर-घर जाकर स्वास्थ सेवा देनेवाले आशा वर्करों को राज्य सरकार अल्प मानधन देकर उनपर अन्याय कर रही है। शहरी आशा वर्कर को प्रतिदिन 300 रूपये मानधन दिए जाने की मांग को लेकर आयटक राज्य सचिव  विनोद झोडगे के नेतृत्व में आज सितंबर से मनपा समक्ष आशा वर्कर महिलाओ ने बेमिमीयादी कामबंद आंदोलन शुरू किया है। इसके पहले 4 सितम्बर को मनपा समक्ष 1 दिवसीय प्रदर्शन कर आयुक्त को निवेदन सौंपा था।

बुधवार को दिनभर आशा वर्कर की महिलाओं ने मनपा के सामने नारेबाजी व ठिया आंदोलन कर यह जब तक मांग पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। आंदोलन के दौरान आशा महिलाओं को न्यूनतम 18 हजार तो गटप्रवर्तक कर्मीयों को 21 हजार रूपये वेतन देने, ग्रामीण व शहर आशा वर्कर को 2 हजार रूपये तो गटप्रवर्तक कर्मियों को 3 हजार रूपये मानधन देने के शासन निर्णय पर तुरंत अंमल किए जाने, शहर के प्रत्येक विभाग में स्वतंत्र आशा केअर सेंटर शुरू करने, सभी आशा महिलाओं को साइकिल देने, सर्वे के लिए सभी स्वास्थ साधन उपलब्ध कराने, काम पर आधारित राशी दुगुना किए जाने की मांग की है। 17 सितंबर को तीव्र आंदोलन की चेतावनी संगठन के जिलाध्यक्ष विनोद झोडगे, शहर सचिव प्रतिमा कायरकर, वैशाली जुपाका, सविता गटलेवार, प्रेमिला बावणे नेदी है।