कामगारों को ताड़ोबा देंगा बांस : अहीर के पहल पर हुई ताड़ोबा प्रबंधन के साथ बैठक

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चंद्रपुर. ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प चंद्रपुर से सटे बोर्डा, निंबाला, वायगांव, घंटाचौकी, झरीपेठ, पहामी, हलदी, मोहुर्ली, देवाडा, अडेगांव, आगरझरी, जुनोना, डोनी आदि ग्रामों के बांस कामगारों को बांस से वस्तू तैयार करने का प्रमुख व्यवसाय है. इन बांस कामगारों को ताड़ोबा प्रबंधन द्वारा बांस दिए जाने से इंकार कर दिए जाने से उनकी रोजीरोटी पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हो गया था. पिछले डेढ वर्षों से कामगारों को वनविभाग द्वारा बांस उपलब्ध करके नहीं देने से सैकड़ों कामगारों के रोजगार का प्रश्न निर्माण हो गया है.

पूर्व केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कारागिरों की समस्या ध्यान में रखकर बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक डा. जितेंद्र रामगांवकर से भेट लेकर चर्चा की एवं बांस कारागिरों को तत्काल बांस उपलब्ध कराने एवं अन्य समस्याओं के निपटारे क मांग की. इस समय प्रदेश भाजपा सदस्य खुशाल बोंडे, अनंत ठाकरे, अनिल रायपुरे, आत्माराम तावाडे, बालू सागोरे, यशवंत मांडवकर, प्रमोद देवगडे, भगवान चांदेकर, बारसागडे आदि उपस्थित थे.

कामगारों को 12 महीने बांस उपलब्ध करके देने, कामगारों को निर्धारित वस्तूएं तैयार करने का कोई बंधन ना हो, अधिक से अधिक बांस उपलब्ध करके देने, अनुमति लेकर परिवहन करनेवाली गाडियों को ना रोकने, गांव के कारागिरों को गावं में वस्तू निर्मिति का प्रशिक्षण देने आदि मांगों पर चर्चा की गई.

डा.रामगांवकर ने आगामी दो तीन दिन में बास उपलब्ध कराने, बांस कारागिर कुछ वस्तूएं बना सकते है उनपर किसी तरह का कोई बंधन ना होने का आश्वासन दिया.

इस समय अंकूष झांकर, गुरुदास भोई, बाबुलाल नागवंषी, बोलबो विषाल, चेतन भोई, रावजी खैरवार, मारोती सुरपाम, चंदू चैधरी, राकेष कुमरे, राहूल कुळमेथे, सुरेष आत्राम, रामा आलाम, रमेष टेकाम, श्रीहरी सोयाम, संतोश दुपारे, गणेष किन्नाके, मिथून घोडाम, अशोक गावडे समेत बड़ी संख्या में बांस कारागिर और ग्रामीण आदि उपस्थित थे.