चिमूर . भाजपा में फिलहाल ओबीसी आरक्षण के विषय पर राज्यभर में आंदोलन कर महाविकास आघाड़ी पर आरोप करना शुरू किया है. किंतु यह केवल पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस की नौटंकी है. ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण में कटौती करने का निर्णय पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस का था. यह आरोप महाराष्ट्र प्रांतिक तैलिक महासभा के विभागीय अध्यक्ष सातपुते ने लगाया.
फडणवीस सरकार ने की कटौती
सातपुते ने कहा कि राज्य में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण में कटौती करने का निर्णय तत्कालीन फडणवीस सरकार ने 2 अगस्त 2019 को लिया था. इस संदर्भ में अध्यादेश जारी किया गया. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णया अनुसार यह निर्णय लिए जाने की बात स्वयं फडणवीस ने दी थी. ओबीसी को राज्य में 27 प्रश आरक्षण दिया गया. किंतु स्थानीय स्वराज संस्था में 50 प्रश से अधिक आरक्षण न हो ऐसा निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने दिया.
सरकार ने 31 जुलाई को अध्यादेश जारी करते हुए ओबीसी के आरक्षण में कटौती करने का स्वयं घोषित किया था. किंतु फडणवीस अब स्वयं ओबीसी के आरक्षण के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर ओबीसी समाज को गुमराह कर रहे हैं. स्वयं की असफलता को राज्य सरकार पर धकेलने का प्रयास होने का आरोप उन्होंने लगाया.