बसों में भीड़, पैसेंजर ट्रेनों की है प्रतीक्षा

  • कोरोना के खतरे से बैखौक हुए लोग

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चंद्रपुर. रोना महामारी को देखते हुए लॉकडाऊन के समय परिवहन सेवा पूरी तरह से ठप हो गई थी. ना के राज्य परिवहन निगम की बसे चल रही थी ना ही ट्रेनों का आवागमन हो रहा था परंतु धीर धीरे कोरोना के असर को कम होता देख लॉकडाऊन को शिथिल किया जिसमें अक्टूबर माह से जहां एक ओर बसों की रफ्तार ने गति पकड़ी है वहीं पैसेंजर ट्रेनों की अब तक शुरूआत नहीं हो पायी है. कोरोना को लेकर जो खौफ लोगों में शुरूआत के दिनों में नजर आ रहा था अब लगभग समाप्ति की ओर है.

राज्य परिवहन निगम की बसों में शुरूआत के महीनों में केवल 50 प्रश यात्रियों के परिवहन को मंजूरी मिली थी जिसके चलते गिनी चुनी बसेस ही चल रही थी. राज्य परिवहन निगम को काफी घाटा उठाना पड़ रहा था. जैसे ही पूर्ण क्षमता से यात्रियों के परिवहन की अनुमति मिली है और अंतर्राज्यीय बसों के आवागमन को भी हरी झंडी मिलने के बाद से बसों में यात्रियों की भीड़ बढती जा रही है.जिला अंतर्गत लेकर अंतरजिला एवं अंतर्राज्यीय बसों में यात्रियों की संख्या बढी है. चंद्रपुर मुख्य बस स्टैंड से तेलंगाना राज्य के लिए बसेस चल रही है. राज्य के सभी प्रमुख शहरों के लिए भी बसेस नियमित रूप से चल रही है.

चंद्रपुर के मुख्य बस स्टैंड पर सुबह 8 बजे के बाद से लेकर देर शाम 6 बजे तक यात्रियों की भीड़ का प्रमाण काफी होता है इस दौरान पूरी तरह से सोशल डिस्टसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आती है. कई लोग तो बिना मास्क के नजर आते है. वृध्दों, बच्चों और महिलाओं की उपस्थिति में इजाफा हुआ है. देर शाम होते होते यात्रियों की संख्या में कमी आने के बाद रात 8 बजे के बाद बस स्टैंड में इक्का दुक्का यात्री ही नजर आते है. पहले बसों को सैनिटाईज कर चलाया जा रहा था अब चंद बसों में यह काम किया जा रहा है. जिला अंतर्गत फेरियां वाली बसों को किसी तरह से सैनिटाईज नहीं किया जा रहा है. यात्री भी बसों में दूरी बनाये रखने के बजाय भीड़ के रूप में सफर कर रहे है. ऐसा प्रतीत होता है कि चंद महीनों पूर्व यहां कोरोना महामारी का कोई खौफ भी था या नहीं. हर कोई बिना डरे, सहमे बेफ्रिक होकर यात्रा कर रहा है. बस वाहक कम से कम मास्क लगाकर अपनी सुरक्षा का ध्यान रख रहे है, कुछ यात्रियों में अब भी कोरोना को लेकर डर बना हुआ है ऐसे चंद लोगों को मास्क पहने हुए और सामाजिक दूरी बनाये हुए देखा जा सकता है.

ट्रेनों में केवल स्पेशल ट्रेनों का परिचालन

कोरोना संक्रमण को देखते हुए ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. अनलॉक की स्थिति आने के बाद केवल स्पेशल ट्रेनों का  परिचालन शुरू हुआ है. त्यौंहारों के इस मौके पर विशेष ट्रेनों में बढोत्तरी की आशाएं लगाये लोगों को निराशा हाथ लग रही है. इस समय चंद्रपुर जिले से होकर केवल 5 स्पेशल ट्रेनें गुजर रही है. हाल ही में नवजीवन एक्सप्रेस की शुरूआत होने से अमरावती, अकोला, भुसावल होकर अहमदाबाद की ओर जानेवाले यात्रियों को राहत मिली है.

पैसेंजर ट्रेनें है जीवनदायिनी

बल्लारशाह रेलवे स्टेशन से दक्षिण की ओर आवागमन करने के लिए भाग्यनगरी, रामगिरी पैसेंजर जबकि मुंबई के लिए वाया वर्धा होते हुए जानेवाली सेवाग्राम एक्सप्रेस तथा बल्लारशाह और चांदाफोर्ट से गोंदिया की ओर जानेवाली ट्रेनें सभी के लिए जीवनदायिनी है. इन ट्रेनों से ना केवल चंद्रपुर जिले बल्कि यवतमाल, गडचिरोली, वर्धा जिले की जनता बल्कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगड, तेलंगाना राज्य के यात्री आवागमन करते है. यह ट्रेनें पूरी तरह से बंद होने से गरीब और अत्यंत मध्यम वर्गीय परिवारों को ना केवल आर्थिक बल्कि मानसिक परेशानी उठानी पड़ रही है. सभी इस प्रतीक्षा में है कि कब पैसेंजर ट्रेनों का आवागमन शुरू होगा.