Coal mine project victims went out to meet the Collector

भद्रावती स्थित बरांज कोयला खान में किसी भी प्रकार का काम शुरु करने के पूर्व प्रकल्प पीड़ित ग्रामीण और वहां के कामगारों के समस्या निवारण की फरियाद क्षेत्रीय सांसद बालु धानोरकर और जिलाधीश से पीड़ितों ने की।

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  • पैदल 26 किमी की दूरी तय कर पहुंचेंगे चंद्रपुर

चंद्रपुर. भद्रावती स्थित बरांज कोयला खान में किसी भी प्रकार का काम शुरु करने के पूर्व प्रकल्प पीड़ित ग्रामीण और वहां के कामगारों के समस्या निवारण की फरियाद क्षेत्रीय सांसद बालु धानोरकर और जिलाधीश से पीड़ितों ने की। किंतु कंपनी कामगार और प्रकल्प पीड़ितों की समस्या निवारण के लिए कोई पहल नहीं कर रही। इसलिए आज गुरुवार की सुबह 8 बजे प्रकल्प पीड़ितों का एक प्रतिनिधिमंडल 26 किमी दूर स्थित चंद्रपुर जिलाधीश कार्यालय के लिए पैदल ही भद्रावती से निकल पडा है।

परिसर में कंपनी शुरु करने की हलचलें तेज

भद्रावती तहसील के बरांज स्थित कर्नाटक एम्टा कोयला खान 31 मार्च 2015 से बंद पडी है। किंतु परिसर में खान को शुरु करने की हलचलें शुरु है। वर्तमान समय पर खान के मालिक कर्नाटक पावर कार्पोरेशन लिमिटेड है। किंतु आज तक कंपनी की ओर से प्रकल्प पीड़ित और प्रभावित ग्रामीणों की समस्या निवारण के लिए प्रयास नहीं किये गए है।

प्रकल्प पीड़ितों की स्थायी नौकरी प्रमुख मांग

बरांज ओपन कास्ट माईन में पूर्व के प्रकल्प पीड़ितों को कर्नाटका पावर कार्पोरेशन लिमिटेड कंपनी स्थायी नौकरी दे, जब से खान बंद है तब बेरोजगार हुए कामगारों का वेतन दे, खान शुरु करने के लिए सीएमपीएफ खाते में कर्मचारियों के पीएफ की राशि जमा करें, बरांज (मोकासा) और चेकबरांज (मानोरा) दोनों प्रकल्प प्रभावित गांव का खान शुरु करने के पूर्व पुर्नवास करें, महाराष्ट्र सरकार और कर्नाटक पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के बीच 15 जनवरी 2016 को हुए पुर्नवास पालिसी के अनुसार खान शुरु करने के पूर्व सुधार, प्रकल्प पीडित किसानों की संतानों को स्थायी नौकरी और दोनों गांव की बची जमीन अधिग्रहित करने समेत अन्य मांगों के लिए आज सुबह ग्रामवासियों ने 26 किमी के सफर पर पैदल की निकल पडे। पैदल निकलने वालों में कामगार नेता राजु डोंगे, रामदास मत्ते, दिनेश वानखेडे, राजगोपाल जयरामन, संजय ढाकणे, प्रभाकर कुडमेथे और अन्य कामगारों का समावेश है।