Madhya Pradesh: Liquor served to minor children in Indore, sealed twice
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चंद्रपुर: जिले में जारी शराबबंदी की सफलता और विफलता पर विचार विनिमय करने तथा शराबबंदी हटाने के लिए उठ रही मांगों का अध्ययन करने के लिए राज्य सरकार ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय समिति घोषित की.

राज्य के सेवानिवृत्त प्रधान सचिव रमानाथ झा की अध्यक्षता में गठित यह 13 सदस्यीय समिति एक माह में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.

समिति में सदस्य के रूप में विधि विशेषज्ञ अधिवक्ता प्रकाश सपाटे, वामनराव लोहे, गोंडवाना यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलगुरु डॉ. कीर्तिवर्धन दीक्षित, आबकारी विभाग के सेवानिवृत्त अपर आयुक्त प्रदीप मिश्रा, संजय तायड़े, अधिवक्ता जयंत सालवे, सामाजिक कार्यकर्ता बेबी उइके तथा निमंत्रित सदस्य के रूप में जिला पुलिस अधीक्षक, जिला शल्य चिकित्सक, जिला महिला एवंम बाल विकास अधिकारी साथ ही सदस्य सचिव के तौर पर राज्य आबकारी विभाग के उपायुक्त मोहन वर्दे आदि का समावेश है.

गौरतलब है कि, जिले में अवैध शराब बिक्री पर चर्चा हेतु 30 सितंबर को राज्य के आबकारी मंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में जिले में लागू शराबबंदी पर चर्चा हुई थी. यह शराबबंदी विफल होने का आरोप लगाते हुए बंदी हटाने के लिए उठ रही मांगों की समीक्षा करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का निर्णय इस बैठक में लिया गया था. इसी के तहत यह समिति गठित की गई.

यह समिति जिले में 2015 से लागू शराबबंदी से पूर्व तथा पश्चात हुए सामाजिक एवंम आर्थिक परिणामों का तुलनात्मक अध्ययन करेगी. शराबबंदी को लेकर प्राप्त सभी मांगों और ज्ञापनों का अध्ययन कर निष्कर्ष निकालेगी. शराबबंदी को लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक तथा अन्य संगठनाओं की राय समझ लेगी और शराबबंदी के सर्वसाधारण परिणाम क्या हुए है इसकी रिपोर्ट सरकार को पेश करेगी.