वणी क्षेत्र संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से देशव्यापी हडताल

  • 2 से 4 जुलाई के ठप रहे कोयला उत्पादन

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घुग्घुस. केंद्र सरकार के कामगार विरोधी नीतियों के निषेधार्थ वेकोलि की 5 यूनियनों ने संगठित होकर 2 से 4 जुलाई के बीच तीन दिवसीय हडताल की घोषणा की है. इससे तीन दिनों तक कोयला उत्पादन पूरी तरह से ठप रहेगा.

भारत सरकार ने हाल ही में 50 करोड रुपए कोल इंडिया को देकर 50 कमर्शियल माइनिंग (खान) निजी हाथों को बेचने का नर्णिय लिया है. इस प्रकार केंद्र सरकार कोल इंडिया के निजीकरण का षडयंत्र रचा है. सरकार उद्योगपतियों का विचार कर व्यापरी, बेरोजगार, किसान, कामगार और बेरोजगार युवाओं पर संकट ला रही  है. श्रम कानून के बारे में कोयला उद्योग का निजीकरण, ठेकेदारी मजदूर को एचपीजी नुसार न्यूनतम वेतन और नये वेतन आयोग करने इंटक, आयटक, भामसं, एचएमएस और सीआईटीयू पांचों  यूनियन ने भारत सरकार के कामगार विरोधी नीतियों के विरोध में संगठित होकर विरोध करने का निर्णय लिया है.

इसके अनुसार वेकोलि वणी क्षेत्र में पांचों श्रमिक संगठनाओं ने सामूहिक पत्र परिषद में इसकी जानकारी दी. पत्र परिषद में इंटक के लक्ष्मण सदलावार, रामपाल वर्मा, अजय पाटील, जुबेर अहमद, श्रीकांत माहुलकर, आयटक के मुरली चिंतलवार, विजय अद्दूरवार, भामसं के राजु नामपेल्लीवार, हरिदास दुधबले, विजय मालवी, अनंतकुमार गुप्ता, एचएमएस के दीपक जायस्वाल, सीआईटीयू के गणेश डांगे, एससीएसटी के वाघमारे और सस्टिा कौंसिल के तिरुपति महाकाली उपस्थित थे. केंद्र सरकार के निजीकरण का नर्णिय कामगार विरोधी होने से केंद्र सरकार का षडयंत्र विफल करने 2 से 4 जुलाई के बीच श्रमिक संगठना ने देशव्यापारी हडताल की जानकारी पत्र परिषद में दी.