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    • जटपुरा गेट के पास जुटी वाहनों की कतारें, पुलिस को दिया जा रहा चकमा

    चंद्रपुर. कोरोना की दूसरी लहर की चैन ब्रेक करने हेतु सीएम उध्दव ठाकरे ने 30 अप्रैल तक कड़ी पाबंदियों के साथ लाकडाउन की घोषणा की है. कई तरह की छूट भी इसमें दी गई है. लेकिन बिना कार्य के घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी है, जो घर से बाहर निकलेगा उसे इसका कारण पुलिस को बताना होगा.

    इतना ही नहीं, बल्की कारखानों में कार्य करनेवाले, डिलीवरी बाय आदि को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट भी अपने साथ रखना है. परंतु चंद्रपुर शहर में तो हर कोई बिंदास घूमता नजर आ रहा है. ना किसी को पुलिस का डर है और ना ही प्रशासन की सख्ती का खौफ. केवल नाम के लिए पुलिस की जांच हो रही है. पूरा प्रशासन भी लाचार नजर आ रहा है. लाकडाउन के दौरान केवल जीवनावश्यक वस्तुओं की दूकानें शुरू रखने के आदेश हैं, परंतु कुछ स्थानों पर शटर डालकर तो कुछ स्थानों पर खुलेआम व्यवसाय जारी है.

    सिटी को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. दूकानदारों पर कार्रवाई का भय होने से कुछ दूकानदारों ने दूकाने बंद रखी हैं. लेकिन बेवजह बाहर घूमनेवाले और जिन्हें दूकानें खोलने की छूट है वहां नियमों का पालन हो रहा है अथवा नहीं यह देखनेवाला कोई नहीं है.

    पुलिस यहां कर रही पूछताछ

    शहर के बाईपास चौक, बंगाली कैम्प, बांगला चौक, गिरनार चौक, गांधी चौक, जटपुरा गेट आदि परिसर क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात है और आवागमन करनेवाले लोगों से नाम के लिए पूछताछ की जा रही है. परंतु लोग भी कार्रवाई से बचने के लिए पुलिस की आखों में धूल झोंककर बच निकल रहे हैं. कोई अस्पताल जाने तो कोई टेस्ट कराने और टीकाकरण का कारण बताकर पुलिस को गुमराह कर रहा है. पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार पुलिस सयंम बरते हुए है. पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया जा रहा है, इसका फायदा शहर के नागरिक उठा रहे हैं. जीवनावश्यक वस्तुओं की दूकानें और सेवाएं छोड़कर सबकुछ बंद होने के बावजूद लोगों को सड़कों पर दुपहिया वाहनों और पैदल घूमते नजर आ रहे हैं.

    वाहनों की लंबी कतारें

    शुक्रवार को शहर के जटपुरा गेट के पास पुलिस चेकिंग के दौरान सुबह 10 से 11 बजे के बीच आवश्यक व अनावश्यक वाहनों की लम्बी कतारें लगी रहीं. शहर में जहां-तहां भीड़ नजर आ रही है. अधिकतर, होटल व चायटपरी पर लोगों की भीड़ जुटती दिखाई दे रही है. कई होटल में मौजूद कर्मचारियों ने अब तक कोरोना की जांच नहीं की. इसके बावजूद वे दूकान में काम कर रहे हैं. जिससे अन्यों को संक्रमण फैलने की संभावना अधिक है. शहर में गोलबाजार व गंजवार्ड परिसर में जीवनावश्यक सामग्री दूकानें छोड़कर अन्य दूकानें बंद नजर आयीं.

    खानपान के ठेले शुरू

    सिटी में होटल, रेस्टारेंट से पार्सल की सुविधा उपलब्ध है. खानपान के ठेले भी खूले नजर आ रहे हैं. किसी को प्रशासन ने टाइम टेबल नहीं देने से सब कुछ खुला है. इतना ही नहीं, कई स्थानों पर लोग मास्क को केवल कान में लटकाकर तो नाक के नीचे पहन रहे हैं. जिसका कोई मतलब दिखाई नहीं दे रहा. सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन नहीं हो रहा. पैथालाजी लैब, सिटी स्कैन जांच सेंटर, किराना, डेली निड्स की दूकानें आदि समक्ष खरीददार अथवा लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है. गन्ने के रस व नींबू पानी के ठेलों में भीड़ जुट रही है. इनमें से कौन कोरोना पाजिटिव है, यह पहचान पाना असंभव है. यही वहज है कि सिटी में अब कोरेाना का फैलाव विकराल महामारी का रूप ले रहा है.

    नहीं हो रही पुलिस कार्रवाई

    जिला प्रशासन ने आटो चालकों को 2 सवारी व 1 आटो चालक ऐसे 3 सवारी लेकर जाने की अनुमति प्रदान की है. परंतु कई आटो चालक 4 से अधिक सवारियां बिठाकर आते-जाते नजर आ रहे हैं. यह आटो चालक पुलिस के सामने से गुजरने के बावजूद यातायात पुलिस कर्मचारी किसी भी प्रकार की कार्रवाई करता नजर नहीं आ रहा. तो कुछ आटो चालक बिना मास्क के सवारी लेकर जाते हुए देखा जा रहा है.

    बेवजह घूम रहे युवक-युवतियां

    कई महाविद्यालयीन युवक-युवतियां ट्युशन जाने के बहाने दुपहिया लेकर सड़कों पर बेवजह घूमते हुए नजर आ रहे हैं. इनमें ना किसी कोरोना के फैलाव का भय और ना ही किसी पुलिस का भय दिखाई दे रहा है.

    मजदूरों की जुट रही भीड़

    शहर के बंगाली कैम्प में यहां जहां-तहां भीड़ नजर आ रही थी. बंगाली कैम्प परिसर में दिहाड़ी मजदूरों का प्रतिदिन जमावड़ा लगता है. रोजगार के तलाश में यहां मजदूर आते हैं और दस बजे तक जिन्हें काम मिल जाता है वें काम पर चले जाते हैं. आज भी यहां काफी बड़ी संख्या में मजदूरों की भीड़ नजर आयी. सुबह 10 बजे पुलिस पहुंची और पुलिस को आता देख भीड़ तितर- बितर हुई और गैर जरूरी दूकानें जो शुरू थीं उन्हें भी बंद कर दिया गया.