पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन कर रहा सीएसटीपीएस

  • मुख्य इंजीनियर राजु घुगे ने दी जानकारी

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चंद्रपुर. चंद्रपुर सुपर पावर थर्मल स्टेशन को अधिकांश वेकोलि की कोयला खानों से वैगन की सहायता से कोयला आपूर्ति होती है. वर्षाकाल में कोयला गीला और मिट्टी मिश्रित होने की वजह से सीएसटीपीस के बिजली उत्पादन पर प्रभाव पडता था. किंतु वर्तमान समय में ग्रीष्मकाल के दिनों में ही कोयला स्टाक कर रखा जाता है. जिसकी वजह से फिलहाल इस प्रकार की असुविधा नहीं होती है. वर्तमान में सभी यूनिट अपनी पूरी क्षमता से पावर जनरेशन कर रहे है. ऐसी जानकारी सीएसटीपीए के मुख्य इंजीनियर राजु घुगे ने नवभारत को दी है.

 अनौपचारिक बातचीत में मुख्य इंजीनियर घुगे ने बताया कि प्रकल्प पीडित और बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए केंद्र की ओर से प्रशिक्षण दिया जाता है. कुछ दिनों पूर्व ही 154 प्रशिक्षणार्थियों ने अपना प्रशिक्षण पूर्ण किया है. जिन्हे जल्द ही मुख्य इंजीनियर के हाथों प्रमाणपत्र वितरित किया जाएगा. यहां प्रशिक्षण प्राप्ती के लिए बेरोजगार पंजीकरण करा सकते है. फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है. यहां से प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाता है. कोरोना काल में लाकडाउन होने की वजह से सभी कल कारखाने ठप पड गए थे. उस समय पर सीएसटीपीएस के यूनिट बंद करना पडा जिससे राजस्व का नुकसान हुआ है. किंतु अब सभी यूनिट अपनी क्षमता के अनुरुप बिजली उत्पादन कर रहे है.

कोरोना काल में घुगे ने निभाया सामाजिक दायित्व
कोरोना काल में देश भर में भय का वातावरण है ऐसे में लोग अपने घरों में दुबके है. किंतु स्थानीय सीएसटीपीएस ने कोरोना से लडने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए लोगों की सहायता की है. लाकडाउन के समय पर केंद्र के इंजीनियर, कर्मचारी, ऊर्जा फाउंडेशन के पदाधिकारी और स्वास्थ्य टीम ने अपनी जान की परवाह किए बिना मुख्य इंजीनियर घुगे के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण सेवा दी.

जिले में संचार व्यवस्था ठप रहने के बावजूद सीएसटीपीएस ने हजारों कामगारों आनाज किट की आपूर्ति की. इस कार्य के लिए अधिकारी, कर्मचारी और विविध कर्मचरी संगठना मुख्य इंजीनियर के साथ मजबुती से खडे थे. जिससे कोविड 19 के खिलाफ लडाई को बल मिला. लाकडाउन में चंद्रपुर शहर में फंसे हजारों मजदूर, आटोरिक्षा चालक, जरुरतमंद और गरीब भूखे न मरे इसलिए आस पास के 52 गांव के लोगों को राशन किट का वितरण किया. इसके अलावा किटाली, भटाली, छोटा नागपुर, खैरगांव, जंगल में बसे गांव में 2600 राशन किट जरुरतमंदों को वितरित की. 22 दिनों तक लगातार जरुरतमंदों को भोजन किट की आपूर्ति की. इस कार्य में केंद्र के अधिकारी, कर्मचारी और ऊर्जा फाउंउेशन ने परिश्रम किया. मुख्य इंजीनियर राजु घुगे के मार्गदर्शन में केंद्र के कर्मचारियों ने एक टीम के रुप में अपनी जवाबदारी का निर्वाहन किया. इसके अलावा सीएम राहत कोष में भी योगदान दिया है.

राज्य की एकमात्र यूनिट है जहां स्वास्थ्य टीम है. यहां की स्वास्थ्य टीम के साथ सीएसटीपीएस के अधिकारी और कर्मचारियों ने लगातार 106 दिन परिसर के मरीज और जरुरतमंदों को स्वास्थ्य सेवा दी. केंद्र के कार्यो की सराहना क्षेत्र के सांसद सुरेश धानोरकर, विधायक प्रतिभा धानोरकर, जिलाधीश डा. कुणाल खेमनार के अलावा पावर जनरेशन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने की है. जो एक प्रकार का पुरस्कार है. कोरोना लडाई में उपमुख्य इंजीनियर अनिल आवटिकर, राजेश राजगडावर, राजेशकुमार ओसवाल बोरकर, रामु सोमकुंवर, अतिरिक्त कार्यकारी इंजीनियर राजकुमार गिमेकर, पारस कांबले, शब्बीर शेख, शत्रुघन येरगुडे, याशील सातरडे, जगदेव सपकाल, गजानन पांडे, विशाल इंगले, मेडिकल अधीक्षक संगिता बोरकर आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.