तीसरे दिन भी नहीं निकला सीटीपीएस प्रकल्प पीड़ितों की समस्या का हल

  • आंदोलनकारियों की वीरुगिरी जारी
  • आंदोलनकारियों को नीचे उतरने दिया गया था 1 घंटे का समय

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चंद्रपुर. चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन (सीटीपीएस) में स्थायी नौकरी की मांग के लिए केंद्र के चिमनी में चढे 2 महिला समेत 7 आंदोलनकारियों की समस्या का हल आज तीसरे दिन भी नहीं निकल सका है। इसकी वजह से आंदोलनकारी नीचे उतरने को तैयार नहीं है। प्रदेश के मंत्री, क्षेत्रीय सांसद, विधायक और सीटीपीएस के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से आज शुक्रवार की दोपहर 12 बजे एक घंटे का नीचे उतरकर चर्चा करने समय दिया गया। किंतु आंदोलनकारी उतरकर चर्चा करने को तैयार नहीं हुए। इसकी वजह से कोई हल नहीं निकल सका और स्थित जैसे थे बनी है।

10-15 वर्षो बाद भी चंद्रपुर जिले के 652 प्रकल्प पीडितों के साथ राज्य के 1170 कर्मचारी नौकरी की प्रतीक्षा में है. इसी मांग के लिए  बुधवार की सुबह आंदोलनकारी सीटीपीएस की चिमनी में चढ गए थे. क्षेत्रीय विधायक किशोर जोरगेवार लगातार उनके संपर्क में थे और गुरुवार की दोपहर उनकी मध्यस्ता से मुख्यमंत्री के साथ  4 मिनट 16 सेकंड वीडियो कान्फ्रसिंग पर चर्चा हुई है। इस आधार पर  आज दोपहर नागपुर में प्रदेश के ऊर्जामंत्री नितीन राउत, उद्योगंत्री, मंत्री, जिले के पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार, सांसद सुरेश धानोरकर, क्षेत्रीय विधायक किशोर जोरगेवार, सीटीपीएस के 5 वरिष्ठ अधिकारी, महाजेनको के अधिकारियों के साथ आंदोलनकारियों की विडियो कान्फ्रसिंग पर चर्चा होने वाली थी। इसके लिए मंत्रियों की ओर से आंदोलनकारियों 1 घंटे में नीचे उतरकर चर्चा करने का समय दिया गया। किंतु दोपहर 3.30 बजे तक आंदोलनकारी नहीं उतरे नतीजा आंदोलनकारी और नागपुर के मंत्री, सीटीपीएस अधिकारियों के साथ  कोई चर्चा नहीं हो सकी। नागपुर के मंत्री और अधिकारियों का तर्क है कि यह कैबीनेट नहीं है जहां निर्णय लिया जा सके। यहां पर होने वाली बातचीत के पश्चात कैबीनेट में इस विषय को चर्चा में रखकर मंजूरी के बाद ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है. आंदोलनकारी नीचे उतरकर चर्चा को तैयार नहीं थे इसलिए 3.30 बजे के बाद भी समस्या का हल नहीं निकल सका। जिसके चलते आज तीसरे दिन भी समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है।

आंदोलनकारियों ने बताया कि आज तीसरे दिन तक दो महिला समेत 3 लोगों के स्वास्थ्य में काफी गिरावट आई है. गुरुवार की रात उन्हे सीटीपीएस के अधिकारी की ओर से भोजन और पानी दिया गया था। इसके अलावा उनके पास कोई सुविधा नहीं है चिमनी के उपर उन्हे नित्यकार्य में परेशानी हो रही है. विशेष रुप से दो महिलाओं को नित्यकार्य के साथ दूसरी भी समस्याएं है। इसकी वजह से उनके स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है। आंदोलनकारियों ने लिखित नियुक्तिपत्र मिलने के बाद ही नीचे उतरने की चेतावनी दी है। चिमनी के आस पास भारी सुरक्षा दल तैनात है।