ZP के सामने दिया धरना, कोरोना से मृत शिक्षकों के परिवारों को 50 लाख व नौकरी देने की मांग

    Loading

    चंद्रपुर. राज्य के निजी प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की कोरोना से मृत्यु हुई. सर्वे के दौरान सेवा निभाते समय कई शिक्षकों व कर्मचारियों को जान गंवानी पड़ी. मृतक शिक्षक व शिक्षक कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख की सहायता व शासकीय नौकरी में शामिल करने की मांग को लेकर निजी प्राथमिक शिक्षक संघ ने पीड़ित परिवारों के सदस्यों के साथ जिला परिषद के सामने धरना आंदोलन किया. पश्चात माध्यमिक शिक्षाधिकारी उल्हास नरड को मांगों का ज्ञापन सौंपा गया. उन्होंने इस मुद्दे को शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कडू व शिक्षा आयुक्त समक्ष भेजने का आश्वासन दिया.

    दिया गया सर्वे का काम

    राज्य के कोरोना प्रभाव के दौरान जिला आपदा प्रबंधन यंत्रणा के माध्मय से सर्वे का कार्य शालेय शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को दिया गया. कर्तव्य निभाते समय कई कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण हुआ. जिससे उन्हें जान गंवानी पड़ी. मृत शिक्षकों के परिवार को बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

    परिवार के प्रमुख व्यक्ति की मृत्यु होने से परिवार के वरिष्ठों का औषधोपचार, परिवार की देखभाल, स्कूली बच्चों की शिक्षा, बच्चों का विवाह आदि समस्या निर्माण हो रही है. इस संदर्भ में मृत शिक्षक परिवार को 50 लाख का अनुदान देने तथा वारिस को अनुकंपा तत्व पर शासकीय सेवा में नौकरी में शामिल करने की मांग की गई.

    प्रतिनिधिमंडल में संगठन के प्रमोद रेवतकर, विजय नंदनवार, मनोज तातोड़े, पवन नेटे, रविंद्र जेनेकर, अमित खारकर, पीड़ित परिवार के सदस्य शंकरपुर के आशीष विजय टिपले, बोथली की विना नामदेव ढवस, बोथली की माला श्रीहरि आगलावे, कोठारी की मंजूषा स्वामी सालवे, अर्चना रविकुमार कृष्णा, सूचिता अमोल भुडे, प्रदीप नाना कोशे आदि उपस्थित थे.

    गंभीर नहीं है शिक्षाधिकारी

    शिक्षाधिकारी कोरोना बीमारी से मृत्यु शिक्षक व कर्मचारी के परिवार को अनुकंपा नौकरी के लिए गंभीर नहीं है. इसलिए मजबूरन धरना आंदोलन कर निषेध किया गया.

    – प्रमोद रेवतकर, संगठन अध्यक्ष