मूल . राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा अभियान अंतर्गत बीजों का लाभ मिले इसके लिए सैकड़ों किसानों ने आनलाइन पंजीयन किया. किंतु चुनिंदा किसानों को बीजों का लाभ मिलने से वंचित किसानों में भारी नाराजगी है. कृषि विभाग ने लाटरी पद्धति के नाम पर कुछ किसानों को बुलाकर बीज वितरित कर भेदभाव करने का आरोप अनेक किसानों ने लगाया है.
लाटरी पद्धति से हुआ चयन
केंद्र सरकार पुरस्कृत राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा अभियान अंतर्गत तहसील कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को धान,Aगेहूं, दलहन और तिलहान के बीज शासकीय दर पर वितरित किए जाते हैं. जिन किसानों को कृषि विभाग से बीज चाहिए, ऐसे किसानों को पहले आनलाइन पंजीयन करना आवश्यक है. इसलिए शुरू मौसम में तहसील के सैकड़ों किसानों ने धान और अन्य बीजों के लिए आनलाइन पंजीयन कराया.
किसानों को सरकारी दर में बीज मिलने की उम्मीद थी. किंतु कृषि विभाग के निर्णय की वजह से अनेक किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया. किसान आस लगाए बैठे थे, किंतु कृषि विभाग ने लाटरी पद्धति से नाम निकालकर जिनका नाम निकला उन्हें बीज वितरित कर दिए. इसकी वजह से उम्मीद लगाए बैठे अनेक किसानों को बीजों से वंचित रहना पड़ा है. किसानों ने कृषि विभाग पर लाटरी पद्धति का दिखावा कर चुनिंदा किसानों को बीज वितरण का आरोप लगाया है.
मांगे 30 क्विंटल, मिले 7.80 क्विंटल
किसानों की शिकायत के संबंध में कृषि विभाग से पूछे जाने पर बताया गया कि तहसील के किसानों की संख्या को देखते हुए सरकार से 30 क्विंटल बीजों की मांग की गई थी. किंतु सरकार ने महज 7.80 क्विंटल पीकेवी तिलक धान के बीज उपलबध कराए. अब किसानों की मांग अधिक और सरकार द्वारा आपूर्ति किए बीज कम होने की वजह से कृषि विभाग के सामने समस्या थी.
इसलिए किसानों से आनलाइन पंजीयन कराने की अपील की गई और आनलाइन पंजीयन कराने वाले किसानों का लक्की ड्रा निकालकर उन्हें बीजों का वितरण किया गया. इसमें किसी प्रकार का पक्षपात नहीं किया गया है.