वृक्षों का राखी बांधकर ईकों प्रो ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Loading

चंद्रपुर. शहर से सटे लोहारा-मामला ताडोबा बफर वनक्षेत्र के वृक्षों को राखी बांधकर ईकों प्रो ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश नागरिकों तक पहुचाया है. 

चंद्रपुर जिले को जंगलों का तथा बाघों का जिले की पहचान मिली है. जंगलो में मौजुद वनसंपत्ती अधिक है. साथ ही औद्योगिक जिले के नाम से जाना जाता है. जंगल के निचे मोजुद कोयला के कारण वन्यजीव व जंगल पर हमेशा खदान का संकट मंडराता है. जिले के पर्यावरण, बाघ समेत अन्य वन्यप्राणीयेां की अधिवास की सुरक्षिता, उनका भ्रमण मार्ग्र, वन्यजीव के संरक्षण व संवर्धन के लिए चंद्रपुर के नागरिकों ने हमेशा तत्पर रहना चाहिए. भविष्य में पर्यावरण की सुरक्षीतता को अधिक बल मिलने की उद्देश से ईको प्रो संस्था की ओर पिछले 12 वर्ष से लोहारा मामला जंगल के अदाणी गो बैक आंदोलन के प्रतिक के तौर पर जंगल के वृक्षों का राखी बांधकर रक्षाबंधन पर्व मनाया. साथ ही चंद्रपुर के वन्यजीव व पर्यावरण रक्षण के लिए 2009 में प्रस्ताविक अदाणी कोयला खदान के विरोध में किए गए जनआंदोलन को याद किया गया. नई युवा पिढी यह संघर्ष कायम याद रहने के लिए इस उपक्रम का आयोजन किया था. 

इस समय ईकों प्रो अध्यक्ष बंडु धोतरे, प्रा. डा. योगेश दुधपचारे, वनपरिक्षेत्र अधिकारी बी एन चिडे, वनपाल पी एम झाडे, इको-प्रो वरिष्ठ सदस्य धर्मेद्र लुनावत, किशोर वैदय, संजय सब्बनवार, सुनिल पाटील, विजय हेडाउ तथा वनकर्मचारी एम ए धुर्वे, पी एम मानकर, आर के उईके, एल पी डोंगरे व अमोल उटटलवार, राजु काहीलकर, हरीश मेश्राम, आकाश घोडमारे, जयेश बैनलवार, सुनिल मिलाल, प्रगती मार्कण्डवार, मनीषा जैस्वाल, किनारा खोब्रागडे आदि सहभागी हुए थे.