आखिरकार सीसीआई से शुरू हुई कपास खरीदी, एक ही केन्द्र होने से कपास उत्पादक किसान चिंतित

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चंद्रपुर/गड़चांदूर: लम्बे समय से चली आरही सीसीआई केन्द्र से कपास खरीदी की मांग को देखते हुए आखिरकार कोरपना तहसील के सोनुर्ली में सीसीआई के केन्द्र से कपास खरीदी की आज मंगलवार को शुरूआत हुई. ऑनलाईन बुकिंग की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई थी. जहां एक ओर कपास की खरीदी शुरू होने से किसानों ने खुशी जतायी है वहीं कोरपना तहसील में एकमात्र सीसीआई केन्द्र से कपास खरीदे जाने से किसानों की असुविधा को देखते हुए शेतकरी संगठन ने तीन जिनिंग मिलों को सीसीआई केन्द्र की मान्यता देने की मांग की है.

सरकार ने पहले नहीं दी थी मंजूरी

उल्लेखनीय है कि खरीफ मौसम का कपास निकलने के बाद किसानों के समक्ष इस बेचने की समस्या खड़ी हो गई थी. सरकार द्वारा सीसीआई के माध्यम से कपास की खरीदी शुरू नहीं किए जाने से किसान काफी चिंतित थे. कुछ किसानों ने दीपावली पर्व को देखते हुए आर्थिक तंगी के चलते अपने उपज को निजी व्यापारियों को औने पौने भाव में बेचना भी शुरू कर दिया था.किसानों और राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा सरकार से बारंबार सीसीआई केन्द्र से कपास खरीदी शुरू करने की मांग उठाये जाने के बाद कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार ने ऑनलाईन बुकिंग से खरीदी की प्रक्रिया शुरू कर थी जिसकी आज सोनुर्ली में विधायक सुभाष धोटे के हाथों विधिवत शुरूआत हुई.

20 जिलों में होता है कपास का उत्पादन

भारतीय कपास महामंडल (सीसीआई) ने राज्य के कपास उत्पादक 20 जिलों में पहले 64 कपास संकलन केन्द्र शुरू किए थे. परंतु इसकी संख्या काफी कम होने से सौ से अधिक केन्द्र शुरू करने की मांग किए जाने पर 18 और केन्द्रों को मंजूरी देकर यह संख्या 82 तक पहुंची. अब भी 18 और कपास खरीदी केन्द्र की आवश्यकता है.कोरपना तहसील में सीसीआई केन्द्र मंजूर हुआ है जो सोनुर्ली ग्राम में है. जबकि कोरपना की कुछ जिनिंग मिलों ने टेंडर भरकर केन्द्र की मांग की है जो कि पूरी नहीं की गई है.

सोनुर्ली  से परिसर के एवं तेलंगाना सीमा के गांव 40 से 50 किमी दूरी पर है. ऐसे में किसानों को काफी असुविधा होगी. उनके केन्द्र तक कपास पहुंचाना खर्चीला होगा. किसानों की असुविधा को देखते हुए जिनिंग को केद्र की मान्यता देने की मांग शेतकरी संगठन ने जिलाधिकारी, सहकार एवं पणन आयुक्त और जिला निबंधक से की है.

आज से हुई खरीदी की शुरूआत

सीसीआई अंतर्गत कपास खरीदी की शुरूआत हुई है. सोनुर्ली स्थित कपास केन्द्र पर आज मंगलवार को विधायक सुभाष धोटे के हाथों कपास खरीदी का शुभारंभ हुआ. प्रथम कपास विक्री का मान सोनुर्ली के किसान मधुकर मंदे को प्राप्त हुआ.कोरोना के संक्रमण के कारण कपास खरीदी में विलंब होने से से गत वर्ष कपास खरीदी में काफी असुविधा हुई थी. इसके बावजूद चंद्रपुर जिले में सबसे अधिक कपास की खरीदी कोरपना कृषि उत्पन्न बाजार समिति ने की थी.

किसानों की असुविधा ना हो और किसान कोरोना जैसी घातक संक्रामक बीमारी से सुरक्षित रहे इसके लिए डिजीटल पध्दति से कपास का पंजीयन किये जाने के निर्देश विधायक सुभाष धोटे ने कृषि उत्पन्न बाजार समिति को दिए थे. उनके निर्देशों की दखल लेते हुए कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सभापति श्रीधर गोडे एवं अन्य संचालकों ने किसानों को कपास के पंजीयन के लिए वेबसाईट का आधार दिया. इसमें हजारों किसानों का पंजीयन हुआ है और और भी पंजीयन किया जा रहा है.

एक ही सातबारा पर पूर्ण कपास खरीदी: गोडे

पहले एक सातबारा पर 40 क्विंटल कपास की खरीदी की जाती थी परंतु अब किसानों का पूरा कपास एक ही सातबारा पर खरीदी किया जा रहा है. मात्र में इसमें एक सातबारा पर अगले तीनों दिनों में 40-40 क्विंटल ही कपास खरीदी जाएगा.इससे किसी भी किसान को निजी व्यापारी को कपास बेचने की नौबत नहीं आयेगी. सभी किसानों का कपास खरीदी किया जाएगा ऐसी जानकारी कृषि उत्पन्न बाजार समिति के अध्यक्ष श्रीधर गोडे ने दी है.

किसानों में खुशी का माहौल

कोरपना के किसान भाऊराव कारेकर ने कहा कि डिजीटल पध्दति से किसानों के कपासी का पंजीयन होने से तुरंत कपास खरीदी होने से सभी में खुशी है. विधायक धोटे द्वारा किसानों के संदर्भ में तत्परता का परिचय देकर कपास खरीदी की शुरूआत किए जाने किसानों को अब कोई भी असुविधा नहीं होगी.

जिनिंग को मंजूरी देने की मांग

जिनिंग को मान्यता देने की मांग करनेवालों में शेतकरी संगठन के नेता पूर्व विधायक एड. वामनराव चटप, , अरुण नवले, प्रभाकर दिवे, नीलकंठ कोरांगे, रमाकांत मालेकर, अँड.श्रीनिवास मुसळे, प्रविण गुंडावार, बंडू राजूरकर, अविनाश मुसले, मारोतराव काकडे, रविंद्र गोखरे, मदन सातपुते, रत्नाकर चटप, आशिष मुसले, पद्माकर मोहितकर, पोर्णिमा निरांजने, प्रा. ज्योत्स्ना मोहितकर, संध्या सोयाम, संजय येरमे, सत्यवान आत्राम, बाजार समिती संचालक सुरेश राजूरकर, बालू बोडखे, पांडुरंग आवारी, भीवसन जुमनाके व माधव पेंदोर और नगरसेवक सुभाष तुराणकर  का समावेश है