उड़ रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां – नप प्रशासन कुंभकर्णी नींद में

  • क्या सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति गंभीर नहीं नगर परिषद प्रशासन
  • रक्षाबंधन के दिन बाजार में बेतहाशा भीड
  • बाजार में बेपरवाही के साथ खरीददारी जारी, मास्क भी नहीं लगा रहे लोग

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राजुरा. कोविड 19 के भयावहता के बावजूद लोग सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति गंभीर नहीं हैं. लोग तो गंभीर नहीं है लेकिन अब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने में स्थानीय नगर परिषद प्रशासन भी लापरवाही बरत रहा है. तहसील में आधा दर्जन से अधिक कोरोना बाधित मिलने के बाद नप प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हो गया है. स्थानीय तहसील कार्यालय के कर्मी तथा पुलिस अपना कर्तव्य बखूभी निभा रहे है. प्रतिदिन थानेदार नरेंद्र कोसुरकर को शाम ५.३० बजे से ही व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान ६ बजे के पूर्व बंद करने के अनुरोध करते हुए देखा जा सकता है. लेकिन  नप प्रशासन के ढुलमुल रवैय्ये से अब तहसील में कोविड ट्रांसमिशन बढने का खतरा बढ़ गया है.

लॉक डाउन के दौरान सावधानी बरतते हुए शहीद नारायणसिंह उइके चौक स्थित दैनंदिनी सब्जी एंव फल मार्केट को साप्ताहिक बाजार के स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया था. लेकिन कुछ फल तथा सब्जी विक्रेताओंके साथ नप प्रशासन के मधुर सबंधो को देखते हुए उन्हें यही दुकाने सजाने की मौन स्वीकृति दे दी गयी. नतीजा धीरे धीरे अन्य सब्जी तथा फल विक्रेता फिर से अहिल्यादेवी होलकर चौक से लेकर नेहरू चौक तक संकरे रास्ते के दोनों और सक्रिय हो गए. रक्षाबंधन त्योहार को देखते हुए राखी विक्रेताओंने भी फुटपाथ पर दुकाने सजा ली जिस वजह से बढ़ी भीड एंव ट्राफिक जाम से सोशल डिस्टेंसिंग का जमकर माखौल उडाया गया.

एक और शहर के माता मंदिर वार्ड, जवाहर नगर, आठवडी बाजार वार्ड में गंदगी के साम्राज्य की वजह से डेंगू, मलेरिया जैसी साथ चल रही है वहीं अब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही होने से शहर में कोरोना संक्रमण की सम्भावनावों से इंकार नहीं किया जा सकता. नप प्रशासकीय अधिकारीयों एंव कर्मियों के मनमानी कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने की मांग नागरिकों ने नगराध्यक्ष अरुण धोटे एंव उपनगराध्यक्ष सुनील देशपांडे से की है.