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    चंद्रपुर. सबके लिए मकान की संकल्पना से प्रधानमंत्री आवास योजना चलायी जा रही है. परंतु एक वर्ष से अधिक का समय बितने पर भी लाभार्थियों को अभीतक आधा हप्ता नही मिला. जिससे मकान का काम अधुरा रहने से लाभार्थियों को खुले में रहने की नौबत आयी है. कई लाभार्थियों को योजना के अंतर्गत घरकुल मंजुर करवाकर पहला हप्ता दिया गया. परंतु दूसरा हप्ता नही मिलने से यह योजना रूक गयी है. कुछ मकान आधे अधुरे रहने से लाभार्थी चिंतीत है. 

    महामारी में आर्थिक संकट निर्माण हुआ है. हाथ को काम नही होने से बेरोजगार छायी गई. ऐसी परिस्थिति में स्वयं के पास का पैसा लगाकर लाभार्थियों ने घर का काम पूरा किया. कुछ लाभार्थियों के काम अधुरे रहने से आज ना कल घरकुल का हप्ता मिलेगा ऐसी अपेक्षा लाभार्थी लगाए हुए है.

    शासन की ओर से घरकुल मंजुर होने से जिर्णावस्था मकानों को गिराकर नए मकानों का निर्माण शुरू किया. कईयों ने किराए के मकानों में रहकर घरकुल का काम पुर्ण किया. उधार के पैसे लेकर कई लोगों ने मकान का निर्माण पूर्ण किया. परंतु अबतक हप्ता नही मिलने से घरकुल का काम रूक गया है.

    एक ओर घर के निर्माण की चिंता व दूसरी ओर घरभाडे का किराया इससे लाभार्थी चिंतित हुए है. इस संदर्भ में कई बार नगर पंचायत के पास पुछे जानेपर केंद्र का नीधि नही आने की जानकारी दी. इससे नागरीकों में असंतोष फैला हुआ है. 

    शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 190 घरकुल को मंजुरी मिली है. पहले चरण में 36 मकानों केा मंजुर मिली थी. उनमें से 36 लाभार्थियों को राज्य सरकार की ओर से प्राप्त होनेवाला 1 लाख के तौर पर पहला हप्ता वितरित किया गया. तो केंद्र सरकार से मिलनेवाले दूसरा हप्ते की लाभार्थि प्रतिक्षा कर रहे है.

    दूसरे चरण में मंजुर हुए 128 लाभार्थियों में से 117 लाभार्थीयों को राज्य सरकार की ओर से 1 लाख के तौर पर 1 करोड 17 लाख प्राप्त हुआ है. परंतु केंद्र के नीधि से वंचित रहना पडा. तिसरे चरण में 17 लाभार्थियों को अभीतक एक भी हप्ता नही मिला.     

    घरकुल के नीधि योजना अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार के मिलाकर 2 लाख 50 हजार रूपए लाभार्थियों को दिए जाते है. उनमें राज्य सरकार की ओर से मिलनेवाले 1 लाख रूपए में से पहले चरण में प्रत्येकी 1 लाख रूपए दिए गए व दूसरे चरण में मिलनेवाले केंद्र सरकार के डेढ लाख रूपए नही देने से घरकुल योजना प्रलम्बित है. लाभार्थियों के मकान अधुरे स्थिति में होने से व बारिश के मौसम शुरू होने से लाभार्थी चिंतीत है.