नदी, नालों में आयी बाढ से भारी नुकसान, ,तलाठी एवं ग्रामसेवकों द्वारा पंचनामे

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    गड़चांदूर. कोरपना तहसील में निरंतर बारिश के कारण नालों में आयी बाढ के कारण नालों के किनारे स्थित खेतों में लगी कपास और सोयाबीन फसल का भारी नुकसान हुआ. सारी फसल बारिश में बह गई.हजारों हेक्टेयर फसल नष्ट होने से किसान आर्थिक परेशानी में फंस गए है. रूपापेठ एवं खडकी परिसर में किसानों का फसल का पंचनामा तलाठी एवं ग्रामसेवक मार्फत किया जा रहा है.

    रूपापेठ के नीलकंठ आत्राम, नूतन आत्राम, मनोज आत्राम, भिवसन भोयर, किशोर मादसकर, रतन जुनघरी, मधुकर गेडाम, विजय म्हसे, नामदेव आत्राम, कोंडू वरखडे, मारुती तुमराम, किसन नैताम, अमृत तुमराम, सुधाकर नेताम, लींगु मेश्राम, नामदेव मेश्राम, रमेश ननावरे विमल कुमरे, मानसिंग कुमरे आदि किसानों की फसल का भारी नुकसान हुआ है.कोरपना के तहसीलदार महेंद्र वाकलेकर ने तत्काल पंचनामा करने के आदेश दिए है.

    इसके अनुसार तलाठी वीरेंद्र मडावी, ग्रामसेवक डफकस, सरपंच लक्ष्मण चायकाटे, मनोज तुमराम आदि ने खेत फसल नुकसान का पंचनामा किया है. साथ ही कोरपना तहसील के प्रत्येक तलाठी सांजा में प्रभावित फसल के पंचनामे का काम युध्दस्तर पर शुरू है. कन्हालगांव, जेवरापार्डी, मंगलहिरा, टीपा, उमरहिरा, जेवरा, कोठोडा, पिपरहेटी आदि गांव में नाले के सटे खेतों का नुकसान हुआ है. नुकसान के पंचनामे का काम किया जा रहा है.

    तहसील के निमणी में निरंतर दो दिन मूसलाधार बारिश के कारण मालढोकनी नाले को बाढ आने से निमणी नाले से सटी सैकड़ों हेक्टेयर भूमि बह जाने से किसानों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ. तहसीलदार के आदेश अनुसार तलाठी जनपद बाखर्डी के पटवारी प्रदीप जाधव प्रत्यक्ष नुकसान का सर्वेक्षण किया. मालढोकनी नाले के पास खेती पानी के बहाव में बह जाने से कपास, तूअर और सोयाबीन की अंकुरित फसल नष्ट हो गई.

    हेक्टर 50 हजार नुकसान भरपाई की मांग

    खेत में बड़े बड़े गड्ढे निर्माण हो गए है. कुछ खेतों को तो तालाब को स्वरूप प्राप्त हो गया है. एक एकड़ में हजारों रुपये खर्च कर फसल ली गई थी परंतु सभी पानी में बह गया. किसानों ने नुकसान भरपाई की मांग की है. इस समय उपसरपंच उमेश राजुरकर, पटवारी प्रदीप जाधव, ग्रामसेवक एस. ढवले, त.मु.स. अध्यक्ष अशोक झाडे, बबन पिदूरकर, अनिल कारेकर, स्वप्नील धोटे, सचिन पिदूरकर, श्यामराव दोरखंडे, संतोष गारघाटे, श्यामसुंदर बोढे, मारोती ठाकरे आदि किसान उपस्थित थे. फसल नुकसान होने से शासन का प्रति हेक्टेयर 50 नुकसान भरपाई की मांग किसानों ने की है.