waiting rooms of Korpana tehsil, there is a garbage dump

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    • बस प्रतीक्षालयों की दुर्दशा
    • यात्रियों को नहीं मिलती सुविधाएं

    चंद्रपुर. चंद्रपुर. महाराष्ट्र तेलंगाना राज्य की सीमा पर बसे कोरपना तहसील के अनेक गांव में आज भी बस यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय न होने से ग्रीष्मकाल के दिनों में उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कहीं पर है तो उनकी दुर्दशा देखकर ही अनुमान लगाया जा सकता है. क्या पैसेंजरों को इससे कुछ सुविधा होती होगी‍.

    महाराष्ट्र तेलंगाना सीमा पर बसे कोरपना को तहसील का दर्जा तो मिल गया, किंतु आज भी आदिवासी बहुल दुर्गम क्षेत्र का विकास नहीं हो सका है. भले कोरपना तहसील अंतर्गत गडचांदूर के आस पास विश्वस्तरीय सीमेंट कंपनियों होने से उसे औद्योगिक नगरी और नगर पालिका का दर्जा प्राप्त है, लेकिन कोरपना इससे अछूता है.

    तहसील के अनेक गांव में तो आज तक बस यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय नहीं है. अति दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अनेक काम के लिए कोरपना तहसील मुख्यालय आना पड़ता है, किंतु उनके गांव के बस प्रतीक्षालय में छप्पर ही न होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. विशेष रुप से ग्रीष्मकाल और बारिश के दिनों में इनका हाल बेहाल होता है.

    दिनभर मवेशियों का डेरा

    अनेक गांव के प्रतीक्षालय जर्जर हो चुके है तो कइयों की छत ही गायब है, इसलिए वह महज दिखावे की वस्तु बनकर रह गए हैं. वहां पर दिन भर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहने से वह कचरा कुंडी की भांति प्रतीत होते हैं. कई जगह के प्रतीक्षालय ढह गए हैं.

    राजूरा डिपो से उपराजधानी समेत अनेक शहरों के बस सेवा चलाई जाती है. कोरपना तहसील भी राजूरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आता है, किंतु अधिकांश जनप्रतिनिधियों ने आज तक कोरपना तहसील को वोट बैंक के रूप में प्रयोग किया है. इसकी वजह से तहसील का दर्जा प्राप्त कोरपना के अनेक गांव के बस स्टैंड की यह हालत है.

    जनप्रतिनिधियों से ध्यान देने की मांग

    जब प्रतीक्षालय की यह हालत है तो वहां पर पेयजल के व्यवस्था की बात न करना ही बेहतर होगा. इस प्रकार के यात्री प्रतीक्षालय की वजह से बस के पैसेंजरों को सुविधा से अधिक असुविधा ही होती है, इसलिए विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से इस ओर ध्यान देकर बस पैसेंजरों के लिए बेहतर प्रतीक्षालय के व्यवस्था की मांग की है. जिससे लोगों को ग्रीष्मकाल और बरसात से बचाव हो सके.