Another problem for the district was the lack of funds to stop the purchase of ventilators

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    • विशेषज्ञ के अभाव में धूल फांक रहा वेंटिलेटर

    वरोरा: रोगियों की बढ़ती संख्या ने शहर और तहसील को कोरोना हाटस्पाट बना दिया है और कई रोगियों को आक्सीजन और वैकल्पिक वेंटिलेटर की आवश्यकता है. इस बीच, यहां ट्रामा केयर सेंटर में स्थापित डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में वेंटिलेटर, विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों की अनुपस्थिति में सफेद हाथी बनकर रह गया है.

    वरोरा शहर में और उसके आसपास कोरोना रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. कोरोना के हाटस्पाट में कई मरीजों को निजी अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहा है. नतीजा कई मरीजों को सरकारी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है. सरकारी कोविड केंद्र के पाजिटिव रोगियों की हालत को देखकर बाधितों को शासकीय डेडिकेटेड कोविड हास्पिटल में भेजा जाता है.

    अस्पताल की कुल क्षमता 50 बेड की है, जिसमें से 20 बेड आक्सीजन से लैस हैं और तीन बेड वेंटिलेटर युक्त हैं. वेंटिलेटर पर मरीज को ले जाने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी न होने की वजह से शोपीस बनकर रह गया है. समय पर वेंटिलेटर सुविधा न मिलने की वजह से दो मरीजों की मृत्यु हो चुकी है. इसलिए तुरंत कोविड अस्पताल में वेंटिलेटर लगाने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी के नियुक्ति की मांग की जा रही है.

    सरकारी आदेश की अवहेलना

    निजी असपताल में उपचार के लिए आने वाले मरीज जिनमें कोरोना के प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं उन्हें सरकारी अस्पताल में कोरोना जांच के लिए भेजने के स्पष्ट निर्देश हैं. जहां उनका एंटीजन अथवा आरटीपीसआर जांच के बाद ही उनका आगामी उपचार करना है, किंतु निजी अस्पताल आदेश का सरासर उल्लंघन कर रहे हैं.

    7 अप्रैल को वरोरा रेलवे स्टेशन के पास एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए आए एक मरीज ने कोरोना के संभावित लक्षणों के लिए अपनी प्रयोगशाला में रक्त परीक्षण कराया. डेंगू का पता चलने के बाद ही मरीज का इलाज किया गया.

    रोगी 8 अप्रैल को फिर से उसी अस्पताल में गया, दवाओं को बदल दिया गया और उसी दिन रात लगभग 10 बजे उसकी मृत्यु हो गई. वह कोरोना से संक्रमित था. अगर उन्हें सरकारी अस्पताल ले जाया जाता, तो उचित इलाज से उनकी जान बचाई जा सकती थी. साथ ही दूसरों को भी कोरोना संक्रमित होने से बचाया जा सकता था, इसलिए इस प्रकार के निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है.