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वरोरा. ओबीसी प्रवर्ग के विद्यार्थियों को मेडिकल शिक्षा से वंचित रखने का षडयंत्र केंद्र सरकार की ओर से रचे जाने का आरोप ओबीसी समाज ने किया है. ओबीसी को 27 प्र.श. आरक्षण लागू होने के बावजूद शैक्षणिक सत्र 2020-21 के मेडिकल शिक्षा में केंद्रीय पदवीधर कोटे में महज 3.8 प्र.श. आरक्षण रख केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी पर अन्याय करने का आरोप प्रधानमंत्री को प्रेषित निवेदन में समाज ने किया है.

ओबीसी को शिक्षा में 27 प्र.श. आरक्षण लागू है. मेडिकल प्रवेश के लिए 66,333 जगह में से 15 प्र.श. अर्थात 9950 सीट केंद्रीय कोटे में आरक्षित रखी गई है. इस कोटे में ओबीसी विद्यार्थियों के हस्सिे के 27 प्र.श. आरक्षण अनुसार 2578 सीट मिलनी चाहिए. किंतु महज 371 सीट अर्थात 3.8 प्र.श. आरक्षण मिला है.

अनु. जाति, अनु. जनजाति, ओपन श्रेणी के विद्यार्थियों को नियमानुसार आरक्षण की सीट दी जा रही है. किंतु ओबीसी समाज के विद्यार्थियों के साथ अन्याय किया जा रहा है. इसलिए मेडिकल समिति की भूमिका के खिलाफ ओबीसी संगठनाओं में रोष बढ रहा है. अन्य समाज की भांति ही ओबीसी समाज को आरक्षण देने की मांग का निवेदन राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ शाखा वरोरा की ओर से वरोरा तहसीलदार सचिन गोसावी के माध्यम से प्रधानमंत्री को प्रेषित किया है. निवेदन सौंपने वालों में विस के पूर्व उपसभापति अधि. मोरेश्वर टेमुर्डे, पार्षद अधि. प्रदीप बुरान, अधि. जयंत ठाकरे, प्रा. अशोक पोफले, प्रा. सुरेश बुरान, प्रा. वसंत मानुसमारे, प्रा. रुपलाल कावले, प्रा. संबा गारघाटे, पुंडलिक कौरासे, अरुण ढोके, धनराज विरुटकर, अक्षय पोफले, श्याम लेडे, अशोक टिपले, भास्कर कुडे, राजु हिवज, विजय वासाडे आदि का समावेश है. उचित न्याय न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.