दूसरे वर्ष भी महाकाली यात्रा रद्द, सार्वजनिक उत्सव मनाने पर जिला प्रशासन की पाबंदी

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    चंद्रपुर. जिले में कोरोना का विस्फोट होता दिखाई दे रहा है. पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने रफ्तार से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसका अतिरिक्त बोझ स्वास्थ्य व पुलिस विभाग पर पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण में वृद्धि के चलते लोगों में दहशत का माहौल है. जिले में एक्टिव मरीजों में वृद्धि हो रही है. वहीं मृत्यु दर भी बढ़ रहा है.

    जिले में कोरोना के विस्फोट से जिला प्रशासन ने नियमों पर सख्त अमल करना शुरू कर दिया है. इसलिए 18 अप्रैल से अर्थात चैत्र शुद्ध पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाली महाकाली यात्रा तथा किसी भी प्रकार के सार्वजनिक उत्सव, कार्यक्रम, सभा व उत्सव नहीं मनाने के निर्देश जिलाधिकारी अजय गुल्हाने ने दिए हैं.

    दूसरे राज्यों से भी आते हैं श्रद्धालु

    प्रतिवर्ष चैत्र शुद्ध पूर्णिमा को यहां की आराध्य दैवत माता महाकाली की यात्रा मनाई जाती है. यात्रा में चंद्रपुर के ही नहीं, बल्कि मराठवाड़ा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों के श्रद्धालु माता महाकाली के दर्शन के लिए आते हैं. कई वर्षों से यह यात्रा चली आ रही है. लगातार दूसरे वर्ष महाकाली देवी यात्रा रद्द करने से लोगों में निराशा है.

    हालांकि श्रद्धालुओं ने प्रशासन का सहयोग करने की बात कही है. अप्रैल महीने में आने वाला गुढ़ीपाड़वा, स्वामी समर्थ महाराज प्रकट दिन, डा. आम्बेडकर जयंती, रामनवमी, हनुमान जयंती, महावीर जयंती आदि उत्सव नहीं मनाने के निर्देश दिए हैं. त्योहारों पर पाबंदियां होने से इससे जुड़े व्यवसायियों में काफी निराशा है.

    षष्ठी को होगी घटस्थापना : महाकाले

    महाकाली मंदिर ट्रस्टी के सुनील महाकाले ने बताया कि षष्ठी के दिन अर्थात 18 अप्रैल की सुबह देवी महाकाली की घटस्थापना होगी. घटस्थापना के दौरान ट्रस्ट के गीने-चुने लोग की उपस्थित रहेंगे. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शासन व प्रशासन के निर्देशानुसार पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी महाकाली मंदिर आम जनता के लिए दर्शनार्थ बंद रहेंगे. 30 अप्रैल तक देवस्थान को बंद रखने के निर्देश दिए हैं. 18 से 27 अप्रैल तक देवी का चैत्रीय नवरात्र है. इस दौरान महाकाली यात्रा रद्द कर दी है.