चंद्रपुर. आज जो परिस्थिति मुंबई-पुणे की है, यहीं स्थिति कल चंद्रपुर सहित विदर्भ के अन्य जिलों की हो सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए आगे का नियोजन करें. सभी गंभीर बीमारी पर एक ही स्थान पर अत्याधुनिक उपाययोजना सहित उपचार किया जा सके इस तरह की स्वास्थ्य यंत्रणा वैद्यकीय महाविद्यालय अस्पताल में निर्माण करें. यह निर्देश विभागीय आयुक्त संजीव कुमार ने दिए. इस समय उनके साथ अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर भी उपस्थित थे. उन्होंने सर्वप्रथम विभागीय नियंत्रण कक्ष को भेंट दी. यहां शुरू जिले के एकत्रित वार रूम का निरीक्षण किया. आपदा प्रबंधन के बारे में की जा रही उपाययोजना की उन्होंने समीक्षा की. उन्होंने जिले की स्थिति संभालने पर अधिकारियों की प्रशंसा की.
एकत्रित उपचार पद्धति को प्राथमिकता
कोरोना के संदर्भ में मरीजों पर उपचार करते हुए अधिक मरीजों के आने के कारण अनेक स्थानों पर उपचार की व्यवस्था की जाती है. लेकिन एकत्रित उपचार पद्धति को आगे प्राथमिकता देने के निर्देश विभागीय आयुक्त ने दिए. बैठक में जिलाधिकारी डा. कुणाल खेमनार, जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल कर्डिले, पुलिस अधीक्षक डा. महेश्वर रेड्डी, मनपा आयुक्त राजेश मोहिते, चंद्रपुर वैद्यकीय महाविद्यालय के अधिष्ठाता एस.एस. मोरे, निवासी उपजिलाधिकारी संपत खलाटे आदि उपस्थित थे. जिलाधिकारी डा. खेमनार ने कोरोना बीमारी का संक्रमण रोकने के लिए जिले भर में शुरू उपाययोजना की जानकारी दी. जिप सीईओ कर्डिले ने इस संदर्भ में शुरू प्रबोधन, शिक्षा, कार्रवाई के बारे में बताया. उपजिलाधिकारी कीर्ति किरण पुजार ने भी प्रस्तुतिकरण किया. जिले में निर्मित कोरोना प्रयोगशाला का लाभ गड़चिरोली को होने की अपेक्षा आयुक्त ने व्यक्त की.
जोखिम वाले परिवार पर अधिक ध्यान
विभागीय आयुक्त संजीव कुमार ने कहा कि जोखिम वाले परिवारों की ओर अधिक ध्यान रखने, यह जानकारी आगे दीर्घकाल के लिए संग्रहित रखने, जिससे मुंबई-पुणे जैसी परिस्थिति भविष्य में न हो, यदि हो तो उसका मुकाबला किया जा सके. जिले में बड़े पैमाने पर परीक्षण करने के निर्देश दिए गए. महानगर पालिका क्षेत्र के झोपड़पट्टी पर अधिक ध्यान दें. केवल महानगर पालिका पर निर्भर नहीं रहते हुए सामूहिक प्रयास करने की बात कही गई.