Complaint against DFO at Ramnagar police station, farmers upset with behavior

  • सरकार ने ली पुराने लोन की गारंटी
  • आधार प्रमाणीकरण अटकने से परेशानी
  • बैंकों ने रोका नया कर्ज

Loading

चंद्रपुर. लॉकडाउन का महात्मा फुले किसान कर्ज मुक्ति योजना पर असर हुआ है. जिले में 15,000 किसानों को अब तक कर्ज मुक्ति का लाभ नहीं मिलने के कारण उन्हें नया कर्ज मिलने में परेशानी हो रही है. हालांकि किसानों के बकाया कर्ज की गारंटी राज्य सरकार ने ली है. बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं. लेकिन आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया अटकी होने से अब भी 15,000 किसानों के खाते निरंक नहीं हुए हैं. जिसकी वजह से उन्हें नया कर्ज नहीं मिल पाया है.

प्रक्रिया ठप होने से खाते नहीं हुए निरंक
जिले में किसानों को कर्जमुक्ति का लाभ मिले इसके लिए 22 मई तक जिले के 1 लाख 32 हजार 206 किसानों का आधार प्रमाणीकरण हुआ. महात्मा फुले किसान कर्जमुक्ति योजना अंतर्गत 2.50 लाख से अधिक बैंक खातों की जानकारी अपलोड हुई है. कर्जमुक्त हुए किसानों की सूची भी जारी की गई. लेकिन मार्च के अंत में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा दिया गया, जिससे कर्जमुक्ति की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई. आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया ठंडी पड़ी हुई है. इसके चलते बैंक के खाते निरंक नहीं हुए. इस वजह से कर्ज खाते में कितनी राशि बकाया है, इसकी जानकारी किसानों को देकर उनकी मान्यता लेना है. किंतु किसानों के बैंक खाते निरंक नहीं होने के कारण इसका असर किसानों को इस खरीफ मौसम में होगा.

सरकार के निर्देशों के बाद भी बैंक अड़े
सरकार का स्पष्ट आदेश है कि जो किसान कर्जमुक्त नहीं हुए हैं, उन्हें इस बार खरीफ के लिए कर्ज दिया जाए. किंतु जिला मध्यवर्ती बैंक एवं सहकारी बैंक को छोड़कर राष्ट्रीयकृत बैकों ने तो कर्ज प्राथमिकता की शर्त लगाई है. जिससे किसान परेशान है. बैंक खाते से आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया अपूर्ण होने से किसान कर्जमुक्ति से वंचित है. जिले में अनेक किसानों के पास आधार कार्ड ही नहीं है. कई किसानों के हाथों की छाप नहीं मिल पाने से उनका आधार कार्ड प्रमाणीकरण नहीं हो पाया है. ऐसे में उन्हें कर्जमुक्ति से लेकर नए कर्ज से भी वंचित रहना पड़ सकता है.