आधार कार्ड नहीं, तो फसल कर्ज नहीं – हाथों में उंगलियां ही नहीं

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चंद्रपुर. एक ओर उचित तरीके से कपास की खरीदी नहीं होने के कारण किसान चिंतित है, वहीं दूसरी ओर से खरीफ का मौसम शुरू होने के बावजूद किसानों को फसल कर्ज वितरित नहीं किया गया है. कोरपना तहसील के गड़चांदूर से 4 किमी दूर स्थित कारवा ग्राम के कुछ किसानों की व्यथा अलग ही है. हाथों में उंगली नहीं होने से अंजना नैतमा और फकरू रामा कोड़ापे को आधार कार्ड ही नहीं मिला. अनेक प्रयासों के बावजूद दोनों को आधार कार्ड नहीं मिला. किंतु बैंकों ने फसल कर्ज के लिए आधार कार्ड की सख्ती की. इन दोनों किसानों और जिनके उंगली के निशान नहीं आ रहे हैं उन्हें कर्ज देने से साफ इंकार कर दिया.

दुलर्भ केस मानकर लोन देने की मांग
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार कानून के सामने सभी समान माने जाते हैं. इसलिए जिन लोगों को जन्म से उंगलियां नहीं हैं अथवा उंगली के निशान नहीं आ रहे हैं ऐसे किसानों के साथ भेदभाव न हो इसलिए व्यवस्था की जानी चाहिए. इन लोगों दुलर्भ केस की श्रेणी में रखकर कर्ज उपलब्ध करने की मांग पाथ फाउंडेशन के एड. दीपक चटप और एड. वामनराव चटप ने की है. कोरपना पंस के पूर्व उपसभापति मनोहर नैताम ने कहा कि कई किसानों को फसल कर्ज से वंचित रहना पड़ रहा है. किसानों को न्याय देने की अपील पाथ फाउंडेशन के दीपक चटप, वैभव वैरागड़े, वैभव डोहे, महेश देरकर, निखिल खोके, आदित्य आवारी, प्रणय बोबड़े, धम्मदीप वाघमारे, लक्ष्मण कुडमेथे, सुनील देउरकर आदि ने की है.