Electricity supply affected in entire Mumbai metropolitan region

Loading

ब्रम्हपुरी. विद्युत संशोधन विधेयक-2020 कानून द्वारा बिजली क्षेत्र निजी निवेशकों के लिए खुला होगा. इससे शासन नियंत्रित विभिन्न बिजली कंपनियों का अस्तित्व नष्ट होने की आशंका है. घरेलू, कृषि, सार्वजनिक जलापूर्ति, सार्वजनिक पथदीप इन बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल में मिलने वाली सब्सिडी रद्द होगी. उक्त उपभोक्ताओं को मिलने वाला शासकीय लाभ बंद होगा. इसके चलते कृषि, घरेलू कम बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ता, आर्थिक दृष्टि से कमजोर घटकों को भी रियायत नहीं मिलेगी. महंगी बिजली खरीदनी पड़ेगी. इसका आपरेटर्स संगठन ने विरोध जताया है. इसके विरोध में संगठन की ओर से 1 जून को काला फीता लगाकर काम किया जाएगा.

कामगार कानून स्थगित करने का निषेध
संगठन ने कहा कि कामगारों के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए विभिन्न कानून रद्द करने की नीति केंद्र सरकार अपना रही है. इसका क्रियान्वयन अधिकांश राज्यों ने शुरू कर दिया है. उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश इन राज्यों ने 3 वर्षों के लिए पुराने कामगार कानूनों को स्थगित करने का निर्णय लिया है. इसका आपरेटर्स संगठन ने निषेध किया. इसी तरह 1 अप्रैल 2019 के बाद नवनिर्मित उपकेंद्रों को कंपनी के स्थायी कर्मचारियों की ओर से संचालन नहीं करते हुए ठेकेदार के जरिये बाहयस्रोत यंत्र चालक देकर संचालन करने का निर्णय महावितरण प्रशासन ने लिया है. इसके विरोध में सभी यंत्र चालक, संगठन पदाधिकारी, सदस्य काला फीता लाकर काम करेंगे. यह जानकारी संगठन के उपमहासचिव खेमराज तिवाडे ने दी.