केन्द्र सरकार के कामगार विरोधी नीतियों का विरोध

  • आयटक के नेतृत्व में स्वास्थ्य कार्यालय के सामने प्रदर्शन

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ब्रम्हपुरी. आयटक सहित अन्य केन्द्रीय कामगार संगठन एवं विभन्नि फेडरेशन की ओर से केन्द्र सरकार के कामगार विरेाध नीतियों का निषेध कर कामगार विरोधी कानून वापस ले, बढती महंगाई कम की जाए सहित आशा एवं गटप्रवर्तक महिलाओं की मांगों को लेकर हाल ही में देशव्यापी एक दिवसीय निषेध दिन मनाया गया. इसके तहत आयटक के राज्य सचिव विनोद झोडगे के नेतृत्व में ब्रम्हपुरी तहसील स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सामने केन्द्र सरकार के विरेाध में नारेबाजी कर तीव्र प्रदर्शन कर तहसील स्वास्थ्य अधिकारी के मार्फत विभन्नि मांगों का निवेदन प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को दिया गया.

देशव्यापी निषेध दिन में शासकीय,अर्धशासकीय कर्मचारी, औद्योगिक कामगार सेवा क्षेत्र के कामगार, असंगठित क्षेत्र के कामगार, योजना कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए.  इसी तरह आशा एवं गटप्रवर्तक महिलाओं की मांगों के लिए ब्रम्हपुरी में नर्दिेशन कर मांगें रखी गइ्र. जिसमें भारतीय श्रम परिषद के 45 एवं 46 वें सिफारिश अनुसार आशा, गटप्रवर्तक, स्कूली पोषण आहार कर्मचारी, आंगनवाडी सेविका महिलाओं को शासकीय कर्मचारियों को दर्जा दिया जाए, कम से कम उन्हें 21हजार रूपये वेतन लागू किया जाए, उन्हें सामाजिक सुरक्षा का लाभ देकर प्रा. फंड एवं ग्रेज्युटी कानून लागू की जाए, देश में आयकर नहीं भरनेवाले सभी परिवारों को कोरोना महामारी में जीने के लिए 7500 रूपये सरकार दें, राज्य के सभी परिवार को 35 किलो राशन मुफ्त दिया जाए, आदि मांगों का निवेदन दिया गया.निवेदन देनेवालों में आयटक के राज्य सचिव विनोद झोडगे, तहसील संगठक विनोद राऊत, आशा गटप्रवर्तक संगठन के तहसील सचिव ज्योत्सना ठोंबरे, वर्षा घुमे, उषा रामटेके, दीपाली भुते, शामलता कार, कांता बुल्ले, हिरकन्या सोनवाणे, पुष्पा नाकाडे, शारदा धोंगडे, करूणा उरकुडे, प्रियंका देवढगले, शशिकला  मेश्राम, सीमा शेंडे साहित आशा गटप्रवर्तक महिला उपस्थित थी.