वहीं कोरोना से मरने वाले मरीज़ के शव की जांच उनके परिवार की सहमति से ही की गई थी। 

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    चंद्रपुर. जिले में तेजी से फैलते जा रहे कोरोना संक्रमण और उससे प्रतिदिन बढ़ती जा रही मरीजों की संख्या से अब जिले में स्वास्थ्य सेवाएं ही दम तोड़ने लगी है. पिछले एक सप्ताह से जिले में कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है. रविवार को जिले में कोरोना के करीब 1600 नए मरीज सामने आए जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 23 तक पहुँच चुकी है. 

    जिले में अब कोरोना से संक्रमित सक्रिय मरीजों की संख्या ही 11 हजार से पार पहुंच गई है. जबकि जिले में सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर सिर्फ दो हजार बेड्स उपलब्ध होने से कई मरीजों को बेड्स, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर के अभाव में दम तोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

    पिछले तीन दिन में जिले में किसीने अस्पताल के बाथरूम में, किसीने अस्पताल के बरामदे में, किसीने एम्ब्युलेंस में तो किसीने बस स्टॉप के शेड में दम तोड़ दिया है. पिछले कुछ दिनों से लोग अपने परिवार के संक्रमित सदस्यों को लेकर उन्हें भर्ती करने के लिए अस्पताल के चक्कर काटते नजर आ रहे है, लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लग रही है.

    रविवार को भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी था. लोग जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम को फोन लगाकर किस अस्पताल में बेड उपलब्ध हैं, यह जानने की जद्दोजहद में लगे हुए थे लेकिन कंट्रोल रूम से उन्हें किसी प्रकार की कोई जानकारी हासिल नहीं हो रही थी. जिले के अधिकांश डॉक्टर्स, स्वास्थ्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने अब किसीका फोन उठाना ही बंद कर दिया है. यही हाल जिले के जनप्रतिनिधियों का भी था. कोई किसीके काम नहीं आ रहा है.

    जिले के नागरिकों की सहायता हेतु प्रशासन ने यूं तो चंद्रपुर ऑनलाइन नामक एक एप्प तैयार तो किया है, लेकिन उसे अपडेट करने की जरूरत किसी को महसूस नहीं हो रही है. एप्प पर दिख रही बेड्स की उपलब्धता को देखकर लोग संबंधित अस्पतालों के सामने पहुंच रहे थे लेकिन वहां जाकर उन्हें पता चल रहा था कि, एप्प पर भले ही बेड्स उपलब्ध दिखाया जा रहा हो लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है. बेड्स उपलब्ध ही नहीं है.

    जिले में मरीजों की निरंतर बढ़ती जा रही संक्रमित मरीजों की संख्या देखते हुए जिला प्रशासन नए नए कोविड केअर सेंटर्स स्थापित कर बेड्स उपलब्ध कराने का दावा तो कर रहा है लेकिन यह सेंटर्स कार्यान्वित नहीं हो सके थे. महिला अस्पताल में भी  अतिरिक्त बेड्स तो लग गए लेकिन कर्मियों के अभाव में वे काम में नहीं आ रहे थे.

    कोरोना से बढ़ते हाहाकार के कारण अब स्थानीय लोगों का गुस्सा जनप्रतिनिधियों पर उमड़ रहा है. जिले के पालकमंत्री की जवाबदेही पर लोग सवाल उठा रहे है. ऐसे कठिन समय मे पालकमंत्री जिले में ही रहे ऐसी अपेक्षा लोगों द्वारा व्यक्त की जा रही है.

    अब नींद से जागी मनपा

    महानगर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद अब तक कोई उल्लेखनीय काम नहीं कर सकी स्थानीय मनपा अब कहीं नींद से जाग गयी है. मनपा ने शहर में 45 बेड्स का एक अस्थायी अस्पताल तैयार करने का प्लान बनाया है. मनपा पदाधिकारी तथा अधिकारियों ने एक आपात बैठक में यह निर्णय लिया.

    यह अस्पताल होटल सिद्धार्थ के पीछे मनपा की जगह पर बेघरों के लिए बने शेल्टर में बनाया जाएगा. यह अस्पताल कब तक कार्यान्वित होगा और बेड्स के लिए फिलहाल दर बदर भटक रहे शहरवासियों को इस अस्पताल का कब लाभ मिलेगा  इसके बारे में मनपा प्रशासन ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है.

    मनपा खुद का नया कोविड अस्पताल शुरू करें: तिवारी

    कांग्रेस के शहर अध्यक्ष रामू तिवारी का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर काफी भयावह स्थिति निर्माण कर रही है चंद्रपुर शहर हॉटस्पॉट बन गया है इसके चलते शहर में कोविड रोगियों को बेड मिलना कठिन हो गया है. यह गंभीर परिस्थिति को देखते हुए कोविड मरीजों को स्वास्थ्य सेवा लेना सुविधाजनक हो इसके लिए महानगर पालिका प्रशासन तत्काल नया कोविड अस्पताल शुरू करें. 

    उनका कहना है कि शहर में हर प्रभाग में बड़े पैमाने पर कोरोना मरीज पाये जा रहे है. शासकीय और निजी अस्पताल कोविड रोगियों से भर गए है. नये कोरोना मरीजों के लिए बेड उपलब्ध नही होने से अनेक अस्पताल नये मरीजों को लेने को तैयार नहीं है. महानगर पालिका स्वयं का कोरोना अस्पताल शुरू किया होता तो आज के घडी में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए सुविधाजनक होता परंतु महानगर पालिका ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया.

    इसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है. महानगर पालिका प्रशासन वडगांव में स्वागत गेट बनाने में लाखों रुपये खर्च किए आज सुविधा के अभाव में अनेक कोरोना मरीजों को अपनी जान गंवानी पड रही है. मरीजों की इस दशा को देखते हुए मनपा शीघ्र नया कोरोना अस्पताल स्थापित करें.

    निजी अस्पतालों को नियमित सैनिटाईज करे

    महापौर राखी कंचर्लावार का कहना है कि चंद्रपुर महानगर पालिका में निजी कोविड अस्पताल रिहायशी क्षेत्र में है. कोरोना के बढते असर को देखते हुए निजी कोविड अस्पताल और आसपास का परिसर सैनिटाईज करें. कोरोना के पार्श्वभूमि पर सामान्य नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में ना पड़े इसलिए महानगर पालिका के स्वच्छता एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित ध्यान रखा जा रहा है. वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर फैली हुई है नागरिकों को स्वयं का ध्यान रखने की आवश्यकता है.

    इसके अलावा शहर के निजी कोविड अस्पताल में बड़ी संख्या में उपचार के लिए मरीज आ रहे है. बैठने की जगह ना होने से कुछ मरीज बाहर घुमते है. इसके कारण कोरोना फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. निजी अस्पताल भीतर से काफी स्वच्छ होते है परंतु बाहरी परिसर भी नियमित रूप से स्वच्छ और सैनिटाईज करने,अस्पताल के कचरे का सही तरीके से नष्ट करने की आवश्यकता है.