पोंभूर्णा. वैश्विक महामारी कोविड 19 ने हडकंच मचा रखा है इससे पोंभूर्णा तहसील भी अछूती नहीं है। तहसील के चार प्रमुख गांव में लोगों ने प्रशासन से असहयोग की भूमिका अपनाकर डाक्टर, नर्सेस, आंगनवाडी सेविका, आशा वर्कर को नागरिकों ने सर्वेक्षण, स्वैब लेना, टेस्टिंग करना पर रोक लगा दी जिससे अधिकारी और पदाधिकारियों के बीच विवाद, झगडा, गाली गलौच, मारने की धमकी से तनाव की स्थिति निर्माण हो गई।
तहसील के दिघोरी, बोर्डा, झुल्लुरवार, जामखुर्द तथा घोसरी ग्राम में कोविड बाधित रोगी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने घर घर जाकर सर्वेक्षण और स्वैब टेस्टिंग अभियान शुरु की। किंतु ग्रामीणों के समूहों ने प्रश्नों की बौछार, गाली गलौच, मारपीट की भाषा को देखते पुलिस प्रशासन भी लचर नजर आई। उन्होंने नागरिकों से राष्ट्रहित में सहयोग की अपील की है।
कृषि प्रधान क्षेत्र होने से खेत खलिहान के रोजमर्रा के काम, पालतू पशुओं के खान पान की जवाबदेही होने से और कोविड रोगी को लेजाकर बिना उपचार रखकर वापिस भेजने की खबरों से प्रशासन, ग्रामीणों को बिना वजह तकलीफ दे रहा ऐसी भावना से रोष पैदा हुआ है।
जामखुर्द के सरपंच बंडू बुरांडे ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा काल में संचारबंदी के दौरान सैकडों नागरिक इकट्ठा होकर गाली गलौच कर रहे है। इस दौरान वीडियो फुटेज, फोटो देखकर जांच कर कार्रवाई की मांग करते हुए ऐसे गंभीर समय पर प्रशासन को सहयोग करने की अपील की है।
तहसील मेडिकल अधिकारी डा. संदेश मामीडवार ने कहा कि लोग सहयोग नहीं कर रहे है उनमें रोष है। सर्वेक्षण, स्वैब टेस्टिंग के काम में आधा आ रही है। नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए वरिष्ठों को इसकी सूचना देने की जानकारी दी है।