प्रस्तावित कमर्शियल एयरपोर्ट अधर में, 31अक्टूबर के बाद तय होगा भविष्य

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चंद्रपुर. औद्योगिक जिले के रूप में ख्यातिप्राप्त चंद्रपुर जिले में प्रस्तावित कमर्शियल एयरपोर्ट पुनः एक बार अधर में फंसते दिखाई दे रहा है. मोरवा और भद्रावती में एयरपोर्ट के प्रस्ताव को नामंजूरी के बाद राजुरा तहसील के मूर्ति ग्राम के पास प्रस्तावित किया गया यह एयरपोर्ट भी अब कन्हालगाव के पास प्रस्तावित वन्यजीव अभयारण्य के कारण खटाई में पड़ने की संभावना नजर आ रही है.

वनविभाग की 6  सदस्यीय समिति गठित

कन्हालगाव में प्रस्तावित वन्यजीव अभयारण्य तथा इसी क्षेत्र के बेहद करीब प्रस्तावित कमर्शियल एयरपोर्ट के संदर्भ में अंतिम निर्णय लेने हेतु गठित वन विभाग की 6 सदस्यीय समिति 31 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने वाली है. इस रिपोर्ट के बाद ही राजुरा तहसील के ग्राम मूर्ति के पास प्रस्तावित कमर्शियल एयरपोर्ट का भविष्य तय होने वाला है.  समिति की रिपोर्ट के बाद ही यहां एयरपोर्ट बनेगा या नहीं इस पर मुहर लगने वाली है.

जिले में उद्योगों की भरमार और खनिज संपत्ति से संपन्न जिले में नए उद्योगों की प्रबल संभावनाओं को देखते हुए यहां एक कमर्शियल एयरपोर्ट शुरू करने के प्रस्ताव को पिछली सरकार ने मंजूरी दी थी.

एयरपोर्ट के लिए पेश आती रही है बाधाएं

नए एयरपोर्ट को विकसित करने की जिम्मेदारी सरकार की ओर से महाराष्ट्र विमानतल विकास प्राधिकरण ( एमएडीसी ) को सौंप दी गयी थी. इस प्राधिकरण ने पहले चंद्रपुर के निकट ही मोरवा में स्थित हवाई पट्टी का विस्तार कर उसे एयरपोर्ट का स्वरूप प्रदान करने पर अध्ययन किया किंतु मोरवा के समीप ही चंद्रपुर ताप बिजली घर की ऊंची चिमनियों से विमानों की आवाजाही पर विपरीत परिणाम होने की आशंका के मद्देनजर यह प्रस्ताव सिरे से नकार दिया गया था. इसके बाद भद्रावती के पास नया एयरपोर्ट बनाने का विचार सामने आया किंतु पर्याप्त जमीन की अनुपलब्धता को देखते हुए यह प्रस्ताव भी दरकिनार हुआ था.

पिछली सरकार ने अंततः राजुरा के पास विहिरगाव – मूर्ति के पास प्रस्तावित विमानतल के लिए 840 एकड़ जमीन अधिग्रहित की. प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए पिछली सरकार ने हर बजट में कुछ न कुछ रकम का भी प्रावधान किया था.

इस एयरपोर्ट को अंतिम मंजूरी देने हेतु एमएडीसी ने वन विभाग के पास प्रस्ताव भेजा था और इस पर निर्णय लेने वन विभाग ने 6 सदस्यीय एक समिति गठित की थी. 

कन्हालगांव अभयारण्य है समीपस्थ

एमएडीसी द्वारा वन विभाग को प्राप्त प्रस्ताव में 75 हेक्टेयर जमीन को परिवर्तित करने और 3800 से अधिक पेड़ों की कटाई की अनुमति मांगी गई है. एयरपोर्ट के लिये जिस जमीन का चयन किया गया है, वह बाघों के अधिवास और उनके अंतरराज्यीय कॉरिडोर के बेहद समीप  है. वन विभाग के अनुसार एयरपोर्ट की प्रस्तावित जमीन के 30 किमी रेडियस में 12 से अधिक बाघों के अस्तित्व है. जहां कन्हालगाव वन्यजीव अभयारण्य प्रस्तावित है उसमें 15 से अधिक बाघ और 25 के करीब तेंदुए है. 

सूत्रों का कहना है कि, अगर मूर्ति में एयरपोर्ट को अभी मंजूरी दी जाती है और भविष्य में अगर 265 वर्ग किमी का प्रस्तावित कन्हालगाव वन्यजीव अभयारण्य मंजूर हो जाता है तो यह एयरपोर्ट अभयारण्य के क्षेत्र में आ जायेगा. अंततः 31 अक्टूबर को वन विभाग की यह समिति सरकार को क्या रिपोर्ट सौंपती है इस ओर सबकी निगाहें लगी हुई है.