राजनीतिक शह पर जनता कर्फ्यू के दौरान बढी रेती तस्करी

  • नदी किनारे बनाये घाट, प्रशासन के नाक तले से रेती की चोरी

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पोंभूर्णा. एक ओर कोरोना के बढते संक्रमण पर रोक लगाने के लिए जिले भर में सप्ताह भर के लिए जनता कर्फ्यू की घोषणा की गई वहीं नदी किनारे रेती तस्करी का कारोबार जमकर फल फूल रहा है। राजनीतिक शह पर नदी किनारे तस्करों ने अपने घाट तैयार कर प्रशासन की नाक तले रेती चोरी कर लाखों का राजस्व डूबो रहे है।

हाल ही में अंधारी नदी किनारे मुख्य मार्ग से सटकर एक मजबुत रेतीघाट जेसीबी की सहायता से तैयार किया गया है। आष्टा घाट से तो पिछले पखवाडे भर से रेती की तस्करी हो रही है। दोनों घाट पर एक राजनीतिक पार्टी के अलग अलग वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कब्जा कर रखा है। वर्षाऋतु समाप्ती के बाद  रेती तस्कर और कितने घाट तैयार कर लेंगे यह फिलहाल कह पाना असंभव है।

दिन के उजाले में छोटे मोटे दान धर्म का दिखावा करने वाले बहुरुपिया रात के अंधेरे का फायदा उठाकर रेती चोरी का गोरखधंधा कर रहे है। तहसील भर में यह कारगुजारी करने वालों की चर्चा है। किंतु राजस्व विभाग आंखे मूंदे बैठा है जिससे सरकार का लाखों का राजस्व डूब रहा है।

तहसील के कुछ ट्रैक्टर धारकों के लिए रात के समय पर रेती चोरी आम बात हो गई है। इस कारगुजारी में गांव के सरपंच, अन्य क्षेत्र से चुनकर आये सदस्य अथवा कुछ पदाधिकारी भी लिप्त है । हाल ही में भाजपा ग्रामीण जिलाध्यक्ष की अगुवाई वाले शिष्टमंडल ने जिले के अवैध घाटों पर शुरु रेती चोरी के जांच का निवेदन जिलाधीश को सौंपा था। यह मांग उचित होने से इसकी शुरुवात पोंभूर्णा तहसील से होनी चाहिए। विशेष रुप से भाजपा जिलाध्यक्ष देवराव भोंगले के जिप क्षेत्र घोसरी चिंतलधाबा में अवैध रेती तस्करी की जांच कर गोरखधंधे पर रोक लगाने की मांग नागरिकों ने की है।

पूर्व वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के विधानसभा क्षेत्र के पोंभूर्णा तहसील में होने वाली रेती की तस्करी के गोरखधंधे पर रोक लगाने स्वयं विधायक को रेती तस्करों के खिलाफ मुहिम चलाकर निसर्ग और पर्यावरण की रक्षा आवश्यक है।

जिलाधीश, एसडीओ को ध्यान देना आवश्यक

रेती तस्करी का गोरखधंधा तहसील में शुरु है किंतु राजस्व व पुलिस विभाग तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। अब पुलिस और प्रशासन किसके दबाव में है कि कार्रवाई करने से कतरा रहा है। कुछ दिनों पूर्व दो बार एसडीओ ने दौरा किया था। किंतु लोगों में चर्चा है कि आम लोगों को दिखाई दिया क्या एसडीओ को नहीं दिखाई दिया होगा? इससे साफ होता है कि स्थानीय राजस्व विभाग में कोई खबरी है जो वरिष्ठ अधिकारियों के दौरे की सूचना रेती तस्करों को देकर सावधान करता है इसलिए इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अन्यथा पर्यावरण का विनाश रोक पाना असंभव होगा।