जनप्रतिनिधियों ने आंदोलनकारियों से किया विश्वासघात:  डा. अभिलाषा गावतुरे

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  • आंदोलनकारियों का भोजन पानीबंद
  • चौथे दिन भी सीटीपीएस की चिमनी पर चढे रहे आंदोलनकारी

चंद्रपुर. स्थायी नौकरी की मांग के लिए सीटीपीएस की चिमनी पर चढकर आंदोलन कर रहे 2 महिला समेत 7 लोगों के आंदोलन का आज चौथा दिन है। 7 अगस्त को नागपुर में आयोजित बैठक में जनप्रतिनिधियों ने हमारे साथ विश्वासघात किया ऐसा आरोप यहां आयोजित पत्र परिषद में आंदोलनकारियों की ओर से डा. अभिलाषा गावतुरे ने किया है.

डा. गावतुरे ने कहा कि आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों को 7 अगस्त को नागपुर बुलाया गया जहां दोपहर 12.30 बजे ऊर्जामंत्री के साथ जिले के पालकमंत्री क्षेत्रीय विधायक, सांसद के साथ सीटीपीएस और महाजेनको के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जहां ऊर्जामंत्री ने स्पष्ट किया पहले आंदोलनकारी नीचे उतरे बाद चर्चा होगी। आंदोलनकरियों के प्रतिनिधियों ने उनसे बातचीत की किंतु वे लिखित पत्र के बाद ही उतरने को कहा।

क्योंकि इसके पूर्व किए आंदोलन के समय पर महज आश्वासन मिले थे। पुराने अनुभव को देखते हुए आंदोलनकारियों ने यह दकम उठाया और नीचे उतरने से इंकार कर दिया। जिसके बाद ऊर्जामंत्री वहां से चले गए। शाम 7 बजे पुन: ऊर्जामंत्री आए और दोपहर की भांति ही पूछा क्या आंदोलनकारी उतरे है। जवाब नहीं मिलने पर कोई चर्चा नहीं हो सकी है. डा. गावतुरे ने आरोप लगाया कि जिले के जिन जनप्रतिनिधियों को यहां से चुनकर भेजा गया वे उनका पक्ष रखने की बजाय प्रशासन के पक्ष में दिखाई दिये। 

प्रकल्प पीडित राहुल रायपुरे ने बताया कि वे स्वयं नागपुर गए थे किंतु कोई चर्चा नहीं हो सकी। सीटीपीएस के लिए जमीन अधिग्रहण के समय पर तो उन्हे प्रतियोगिता परीक्षा की शर्त नहीं रखी गई थी।  उस समय तो उनसे उपजाऊ जमीन ले ली गई। वर्ष 2005 तक सीटीपीएस ने प्रकल्प पीडितों को नौकरी दी। किंतु अब सीटीपीएस में नौकरी के प्रतियोगिता परीक्षा ली जा रही है। परीक्षा भी प्रतिवर्ष नहीं ली जाती है पिछले 4 वर्षो में महज दो बार परीक्षा हुई है. प्रकल्प पीडितों को प्रशिक्षु के रुप में अस्थायी नौकरी दी जाती है और उन्हे स्थायी नहीं किया जाता है। उनके साथ बडी संख्या में प्रकल्प पीडित उपस्थित थे।

आंदोलनकारियों का भोजन पानी बंद
डा. गावतुरे ने बताया कि शुक्रवार को नागपुर की मिटिंग के बाद से आंदोलनकारियों को भोजन पानी नहीं देने दिया जा रहा है। जिससे आंदोलनकारियों के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ रही है और दो महिला समेत कुल 3 लोगों की हालत गंभीर बनी है. यदि किसी आंदेालनकारी को कुछ होता है तो उसके लिए शासन और प्रशासन को जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है.