यहां के तहसील कार्यालय में स्थित राशन विभाग के कर्मचारियों ने लूट मचा रखी ऐसा आरोप कार्ड बनाने जाने वालों का है।
- 10-20 रुपये के एवज में लिये जा रहे 50 रुपये
बल्लारपुर. यहां के तहसील कार्यालय में स्थित राशन विभाग के कर्मचारियों ने लूट मचा रखी ऐसा आरोप कार्ड बनाने जाने वालों का है। आरोप है कि सभी प्रकार के राशन कार्ड बनाने के शुल्क निर्धारित है किंतु कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी महज 10 रुपये के बीपीएल कार्ड के बदले 50 रुपये और 2 रुपये के आवेदन फार्म के 10 रुपये वसूल कर लूट मचा रखी है। इस ओर किसी वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान नहीं है अथवा जान बुझकर अनदेखी किये है यह खोज का विषय है।
वर्तमान समय पर राशन कार्ड अन्य दस्तावेजों की भांति एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है। फिर चाहे उस पर सरकारी सस्ते आनाज दूकान से आनाज मिलता हो अथवा नहीं। किंतु यह एक प्रकार से निवास का प्रमाणपत्र होता है। क्योंकि पासपोर्ट से लेकर सरकारी योजनाओं के लाभ में राशन कार्ड मांगा जाता है।
आय के आधार पर प्रदेश में बीपीएल पीले राशन कार्ड, एपीएल केसरी राशन कार्ड और सफेद राशन कार्ड बनाकर दिये जाते है। वर्तमान समय पर बीपीएल और एपीएल राशन कार्ड पर आनाज दिया जा रहा है। किंतु सफेद कार्ड पर सरकारी सस्ते आनाज दूकान से कोई लाभ नहीं मिलता है। किंतु निवास का प्रमाण होने से धनाढय लोग यह कार्ड बनवा कर रखते है। इस कार्ड बनवाने के लिए तहसील कार्यालय में स्वतंत्र राशन कार्ड विभाग है। किंतु यहां के कर्मचारी सरकारी रेट को ताक पर रखकर अपनी मर्जी के दर लगा रखे है। जैसा कि बीपीएल राशन कार्ड के 10 रुपये, एपीएल के 20 और सफेद राशन कार्ड के 50 रुपये दर निर्धारित है और इसका फलक विभाग के दरवाजे पर लगाया है। किंतु यहां कार्यरत कर्मचारी बीपीएल, एपीएल राशन कार्ड के भी सीधे सीधे 50 रुपये अपनी जबान से मांगते है।
लोग भी जल्दबाजी में दर फलक की ओर ध्यान नहीं देते और उनके मांग के अनुसार 50 रुपये देकर चलते बनते है। जबकि राशन कार्ड के वास्ताविक फीस 10 से 20 रुपये ही होती है। किंतु इसके उपर के रुपये विभाग के कर्मचारी अपने जेब में रख लेते ऐसा आरोप किया है। इस ओर वरिष्ठ अधिकारियों के ध्यान देने की आवश्यकता है।
इस संबंध में तहसीलदार जे.बी. पोहणकर से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अब तक मेरे पास किसी ने शिकायत नहीं की है। यदि ऐसी बात है तो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।