अं.हिं.प.को महामहिम राष्ट्रपति को निवेदन

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चंद्रपुर. अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल चंद्रपुर जिला की ओर से राष्ट्रीय बजरंग दल चंद्रपुर विभाग अध्यक्ष नंदूभाऊ गट्टूवार और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद चंद्रपुर के अध्यक्ष शंकर सरदार अरोरा  इनके नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति को चंद्रपुर के नाम जिलाधिकारी के माध्यम से अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर के संदर्भ में निवेदन दिया गया..

इस समय राष्ट्रीय बजरंग दल चंद्रपूर जिलाअध्यक्ष शिवा सारसर आंतराष्ट्रीय हिंदू परिषद कार्यध्यक्ष सोवरण सिंग राजपुत,राष्ट्रीय बजरंग दल से ,विधानसभा अध्यक्ष हिमतसिंग ठाकुर,संपर्क प्रमुख अंशुल भाऊ कामनवार, राष्ट्रीय महिला परिषद से जिल्हाध्यक्ष सुशीलाताई मल्ले, ओजीस्विनी जिलाध्यक्ष दिक्षाताई एडला चंद्रपूर जिल्हा कार्याध्यक्ष दिव्या ताई एडला अंजनाताई प्रमुख रूप से उपस्थित थे…

निवेदन मे रामजन्मभूमि मंदिर संदर्भ में कहा गया है कि  रामजन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास 9 नवम्बर 19 89 में उस समय की उत्तर प्रदेश की सरकार जहाँ  एनडी तिवारी मुख्यमंत्री थे और राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे तब गृहमंत्री बूटा सिंह जी ने लखनऊ जाकर यह ज़मीन पर शिलान्यास करने की अनुमति दी थी और उनके कारण महंत अवैद्यनाथ जी और अयोध्या के महानता रामचंद्र परमहंस अशोक जी सिंघल और कामेश्वर चौपाल के हाथों से शिलान्यास हो चुका है इसलिए जब जन्मभूमि मंदिर पर शिलान्यास करने वाले का नाम लिखा जाए उसमें महंत वैद्यनाथ जी राम चंद्र परमहंस अशोक जी सिंघल और कामेश्वर चौपाल वह चारों ने 9 नवंबर 1989 के दिन शिलान्यास किया था ऐसा लिखा जाए..

राम मंदिर सनातनी वैष्णों परम्परा का मंदिर है यह कोई धर्मनिरपेक्ष स्थान नहीं है इसलिए तुरंत आदेश जारी करके राम मंदिर परिसर में किसी भी अहिंदुओं को प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए और फ़ैज़ख़ान के द्वारा वहाँ आने की बात है फ़ैज़खान को गिरफ़्तार किया जाए….मोठ मंदिर आश्रम चलाना यह धर्मनिरपेक्ष भारत सरकार का काम नहीं है और मठ मंदिर आश्रम सरकार के अधिग्रहण और नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए इसलिए राम जन्मभूमि का ट्रस्ट तुरंत आदेश से सरकारी नियंत्रण से मुक्त करके स्वतंत्र किया जाए यह ट्रस्ट में मार्गदर्शक के नाते सभी शंकराचार्य रामानंदाचार्य वैष्णव परंपरा के आचार्य और सभी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर को रखा जाए …

राम मंदिर बनवाने के लिए देश के सभी प्रान्त क्षेत्र उपासना पद्धति भाषा और जाति के हिंदुओं ने संघर्ष किया था इसलिए यह ट्रस्ट में 501 सहयोगी ट्रस्टी बनाए जाए जिसमें अनुसूचित जाति जनजाति भारत की सभी जातियाँ भारत के सभी प्रदेश भारत के सभी संप्रदाय के लोग रहें ताकि पूरे भारत का राम मंदिर आंदोलन में सहयोग देने वाला सभी समुदाय या अनुभव करें कि मंदिर के लिए संघर्ष हमने किया था और मंदिर हमें ही बना रहे हैं….राम मंदिर सनातनी वैष्णों परम्परा का मंदिर है इसलिए सनातन वैष्णवी परंपरा और वेदों के आधार पर यह मंदिर का पूजा अर्चना संचालन चले उनको धर्मनिरपेक्ष और सेक्युलर बनाने का कोई प्रयास न हो आदि मांगों का समावेश है.