छात्रों को नहीं मिली किताबें, आनलाइन पढ़ाई शुरू, शिक्षा प्रभावित

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    • आंकड़ा- 14,613 विद्यार्थी अब भी प्रतीक्षा में

    ब्रम्हपुरी. नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में विद्यार्थियों को नि:शुल्क किताबों का वितरण किया जाता है. लेकिन 2021-22 के सत्र को शुरू हुए काफी समय बीत गया है, लेकिन अब तक तहसील में विद्यार्थियों को किताबों का वितरण नहीं हुआ है. बगैर किताबों के ही आनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है. जिसके कारण शिक्षा प्रभावित हो रही है. तहसील के करीब 14,613 विद्यार्थी अब भी किताबों की प्रतीक्षा में हैं.

    ग्रामीण क्षेत्र में शुरू हुए स्कूल

    कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कमजोर होने के बाद 15 जुलाई से ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों को शुरू करने के निर्देश राज्य सरकार ने दिए थे. ग्रापं द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के बाद 8वीं से 12वीं की कक्षाएं शुरू की गई हैं. लेकिन इन विद्यार्थियों के पास किताबें नहीं हैं. जिससे उनका शैक्षणिक नुकसान हो रहा है.

    पहली से 7वीं कक्षा की पढ़ाई अभी भी आनलाइन शुरू है, लेकिन किताबें नहीं होने से उन विद्यार्थियों व शिक्षकों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा भी कई समस्याएं हैं. जैसे कहीं आनलाइन पढ़ाई के लिए नेटवर्क नहीं है, तो कहीं एंड्राइड मोबाइल नहीं है. कहीं एंड्राइड मोबाइल बच्चों के हाथ में नहीं मिल रहा है.

    फिर भी आनलाइन पढ़ाई आनलाइन पेपर पर शुरू है. जिसका आउटपुट न के बराबर है. शासन ने आदेश निकाला, शासकीय आदेश का पालन करना है, इसके लिए सभी कर्मचारी और छात्र शासकीय आदेश का पालन कर रहे हैं.

    बाजारों में किताबें उपलब्ध नहीं

    कक्षा पहली से 8वीं तक तहसील में 14,613 विद्यार्थी शिक्षारत हैं. शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने से पहले सभी किताबें तहसील स्तर पर पहुंचाना आवश्यक था, लेकिन सत्र की शुरुआत होने के बावजूद किताबें अब तक नहीं पहुंची हैं. शासन की तरफ से मुफ्त में किताबें मिलने से बाजारों में पहली से 8वीं कक्षा की किताबें उपलब्ध नहीं है.

    शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने से पहले यह सब तैयारी करना आवश्यक है, पर ऐसा नहीं हो रहा है. आनलाइन पढ़ाई शुरू करने के लिए जैसी मोबाइल की आवश्यकता होती है, वैसे ही किताबों की भी आवश्यकता है.

    शिक्षकों के लिए गाइड लाइन बनी सिरदर्द

    ग्रामीण क्षेत्र में स्कूल शुरू करने के लिए सरकार ने कुछ गाइड लाइन दी है. लेकिन यह गाइड लाइन शिक्षकों के लिए सिरदर्द बन गई है. कक्षा रूम का सैनिटाइजेशन करने, छात्रों के तापमान की जांच करने, मास्क का उपायोग अनिवार्य है. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग रखना कठिन हो रहा है. यदि एक बेंच पर एक विद्यार्थी बैठता है, तो एक कक्षा के 2 से 3 बैच बनाने होंगे.

    ऐसे में पाठ्यक्रम कैसे पूरा होगा इसे लेकर शिक्षक चिंतित है. शिक्षकों का कहना है कि आनलाइन पढ़ाई शुरू करने के लिए पहले सभी विद्यार्थियों के पास एंड्राइड मोबाइल या टैब की सुविधा उपलब्ध कराई जाएं, उस हिसाब से स्कूलों में भी व्यवस्था होनी चाहिए. यदि नहीं है तो यह सुविधा उपलब्ध कराएं तभी आनलाइन शिक्षा का लाभ सभी को मिल पाएगा.