स्वैब नेचर केयर के सदस्यों ने की तालाब की सफाई

  • मरी मछलियों को इकट्ठा कर जमीन में गडाया

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तलोधी बा. समीपस्त सावरगांव के मुख्य तालाब में आज सुबह पक्षी निरीक्षण को गये लोगों को तालाब से दुर्गंध आ रही थी। पास जाकर देखा तो तालाब में सैकडों की संख्या में मछलिया मरी थी। यह देखकर वन्यजीवन प्रेमियों ने संपूर्ण मृत मछलियों को जमा कर गड्ढे में दफना दिया।

आज सुबह तालाब में सैकडों की संख्या में मरी मछलिया दिखाई दी मछलियों के मरने का कारण ज्ञात नहीं हो सका। किंतु विषबाधा से उनकी मौत होने का अनुमान है। संभावना है कि किसी चोर ने पानी में धीमा जहर घोलकर मछलियों को मारा होगा अथवा किसी किसान ने खेत की फसल पर छिडकाव के बाद छिडकाव यंत्र धोया होगा जिससे पानी विषैला हो गया और मछलिया मर गई।

किंतु यह तालाब जंगल में होने से इसका पानी जंगल के प्राणी पीते है। शीतकाल में विदेशी प्रवासी पक्षी इस तालाब किनारे आते है। साथ ही गांव के पालतू पशु भी तालाब का पानी पीते है इससे विषबाधा की संभावना को देखते हुए तालाब की मरी मछलियों को इकट्ठा कर जमीन में दफना दिया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष यश कायरकर, सदस्य विकास बोरकर, हितेश मुंगमोडे, श्रेयस कायरकर, शुभम पातलेकर, शुभम हुड, चिन्मय निकुरे, रोशन धोत्रे, वनरक्षक एस. बी.पेंदाम,वनमजदूर सोमेश्वर निकुरे उपस्थित थे।